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भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 12वें दौर की बैठक के 48 घंटे बाद दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर एलएसी पर शांति बहाल करने पर सहमति जताई. बयान में कहा गया है कि शेष विवादित क्षेत्र को अलग करने को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहन आदान-प्रदान हुआ. भारत और चीन ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दोनों देशों ने इस (12वें) दौर की बैठक को सकारात्मक माना है, ताकि आपसी समझ को और बढ़ाया जा सके. बयान में कहा गया है कि मौजूदा समझौतों के अनुसार एलएसी के शेष मुद्दों को तेजी से हल करने और बातचीत बनाए रखने पर सहमति हुई.
पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर छुट्टी के दूसरे चरण को लेकर शनिवार को चीनी सेना के मोल्दो गैरीसन में भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच नौ घंटे लंबी बैठक हुई. इस संबंध में भारत और चीन ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी किया.
संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि दोनों पक्ष (देश) भी एलएसी के साथ पश्चिमी क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रखने और शेष क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने पर सहमत हुए.
बयान में 14 जुलाई को दुशांबे में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक और 25 जून को दोनों देशों के सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) के 22 वें दौर की बैठक का भी उल्लेख किया गया है. गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में पूर्वी लद्दाख से सटे LAC पर डीकमिशनिंग का पहला चरण पूरा हुआ था. पहले चरण में दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग-त्सो झील के उत्तर में फिंगर क्षेत्र और दक्षिण में कैलाश पर्वत श्रृंखला से हट गईं, लेकिन गोगरा और हॉट-स्प्रिंग जैसे कई विवादित इलाके हैं जहां पिछले डेढ़ साल से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष चल रहा है.
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