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अमेरिका एक ऐसा देश है, जो पूरी दुनिया को कंट्रोल करना चाहता है. हर देश के साथ दादागीरी करता है. भारत के साथ भी करने की कोशिश करता है, मगर भारत ने हमेशा अमेरिका को अच्छे से जवाब दिया है. आज आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसे जानने के बाद आप भी अपने देश पर दर्व करेंगे.
अमेरिका में रिचर्ड निक्सन नाम के एक राष्ट्रपति हुआ करते थे. उन्हें पाकिस्तान की तानाशाही हुकूमत से काफी हमदर्दी थी. स्वाभाविक है कि हिन्दुस्तान से नफ़रत करते थे. वो पाकिस्तान से इतना प्यार करते थे कि वहां हो रहे नरसंहार पर चुप रहते थे, मगर भारत की सभी छोटी समस्याएं उन्हें बड़ी लगती थी. वो भारतीयों के पहचनावे, रहन-सहन से नफ़रत करते थे. वो भारत से इतनी नफरत करते थे कि हमें बेकार और बर्बाद समझते थे. अपनी गंदी सोच के कारण हमारे देश के प्रधानमंत्री को चुड़ैल तक कह दिया.
इंदिरा गांधी देश की ऐसी प्रधानमंत्री जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी ने मां दुर्गा की संज्ञा दी थी. इंदिरा न केवल गर्वीली थीं, बल्कि सम्मान से कोई समझौता नहीं करने वाली थीं. उन्होंने अमेरिका में अपनी गरिमा बनाई साथ ही साथ देश को सशक्त राष्ट्र के रूप में पेश किया. अमेरिका दौरे से पहले सितंबर में वह सोवियत संघ भी गई थीं. भारत को सैन्य आपूर्ति के साथ मास्को के राजनीतिक समर्थन की सख्त जरूरत थी. अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन इंदिरा गांधी के मिले घाव को जिंदगीभर नहीं भूल पाए. इंदिरा ने उन्हें ये याद दिला दिया था कि किसी देश और उसके राष्ट्रप्रमुख के साथ कैसे पेश आना चाहिए
दुनियाभर में उनकी लोकप्रियता गजब की थी
इंदिरा इस कदर दुनियाभर के नेताओं में लोकप्रिय थीं कि वर्ष 1977 में चुनाव हारने के बाद जब उन्होंने लंदन का दौरा किया तो दुनियाभर के तमाम नेताओं ने उनसे वहां मुलाकात दी और वैसा ही सम्मान दिया, जो एक राष्ट्रप्रमुख को मिलता है.
NYT में छपे गैरी बेस के लेख के बाद से ही निक्सन की इन नई रिकॉर्डिंग्स पर ख़बरें होने लगीं. ये टिप्पणियां बहुत गंदी थी. इनमें भारत और भारतीय महिलाओं पर की उनकी कई ओछी टिप्पणियां भी शामिल हैं. ये टिप्पणियां 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के भीतर हो रहे नरसंहार के दौरान की गईं. आगे बढ़ने से पहले इनमें से कुछ टिप्पणियां आपको पढ़ाते हैं-
1. हिंदुस्तानी औरतें दुनिया में सबसे बदसूरत होती हैं. इस बात में कोई शक़ नहीं.
2. ये हिंदुस्तानी लोग सबसे ज़्यादा सेक्सलेस इंसान हैं. लोग ब्लैक अफ्रीकन्स को लेकर बोलते हैं. मैं कहता हूं कि उनमें तो फिर भी जानवरों वाला थोड़ा सा चार्म होता है, मगर ईश्वर, वो भारतीय, छी. वो तो बिल्कुल बेकार होते हैं.
3. हिंदुस्तानियों को देखकर मेरा मज़ा किरकिरा हो जाता है. मैं टर्न ऑफ़ हो जाता हूं. हेनरी, बताओ तो ज़रा. इनको देखकर कोई टर्न ऑन कैसे होता होगा?
4. हिंदुस्तानियों को देखकर घृणा होती है. उनपर सख़्त होना आसान है.
5. मुझे नहीं पता कि हिंदुस्तानी बच्चे कैसे पैदा करते हैं?
जब इंदिरा गांधी अमेरिका पहुंची तो अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन तय कर चुके थे कि वो उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे तब इंदिरा गांधी ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया .अगले दिन की मुलाकात में इंदिरा को कड़ी चेतावनी दी जाने वाली थी. मुलाकात की शुरुआत ही गड़बड़ रही. निक्सन ने हावभाव से जैसी शुरुआत की उसका वैसा ही जवाब इंदिरा से मिला. इंदिरा ने पूरी मुलाकात में कुछ ऐसा ठंडा रुख अख्तियार कर लिया, मानो उन्हें निक्सन की कोई परवाह ही नहीं हो.
हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक सशक्त नेत्री थीं. उन्होंने देश के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया.
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