Story Content
सेना के सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन रविवार को दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए 13 वें दौर की वार्ता करने के लिए तैयार हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीनी पक्ष मोल्दो (चुसुल) में होगी. हॉट स्प्रिंग्स में घर्षण बिंदु के समाधान पर बातचीत के दौरान चर्चा की जाएगी. विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को कहा था कि उसे उम्मीद है कि चीन पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ शेष मुद्दे के जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा और द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "यह हमारी उम्मीद है कि चीन पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ शेष मुद्दे के जल्द समाधान की दिशा में काम करेगा, जबकि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करेगा."
जानिए भारत चीन बॉर्डर का पूरा विवाद
इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे, ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा तनाव और विघटन पर चर्चा की. पिछले साल भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के कई लोगों की जान चली गई थी. गलवान घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किए गए उल्लंघन के बाद झड़पें हुईं. इस घटना को एक साल से अधिक समय बीत चुका था, लेकिन दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच तनाव जारी है. भारत और चीन के बीच 12 दौर से अधिक सैन्य वार्ता और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की गई, लेकिन तनाव अभी भी जारी है.
Comments
Add a Comment:
No comments available.