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गांधीनगर नगर निगम के चुनावों में भाजपा ने परचम लहराया है. निगम की कुल 44 सीटों में से 41 पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को महज तीन सीटों पर ही जीत मिली है. रविवार को गांधीनगर में मतदान हुआ था और मंगलवार सुबह वोटों की गिनती शुरू हुई थी. मतगणना की शुरुआत से ही भाजपा ने बढ़त बना रखी थी. ये नतीजे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए करारा झटका हैं, जो भाजपा को कड़ी चुनौती देने के लगातार दावे कर रही है.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी गुजरात में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. ऐसे में गांधीनगर जैसे अहम नगर निगम में महज एक सीट जीत पाना बताता है कि उसके लिए विस्तार की राह कितनी मुश्किल है. तीन सीटों में से कांग्रेस को महज 2 सीटें ही मिली हैं. भाजपा और कांग्रेस ने सभी 44 वार्डों में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जबकि आम आदमी पार्टी ने 40 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे. हालांकि पिछली बार गांधीनगर नगर निगम में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी थी. तब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को 16-16 सीटें मिली थीं. हालांकि कांग्रेस के पार्षद प्रवीण पटेल ने पाला बदल लिया था और भाजपा की मदद से मेयर बन गए थे.
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी की उम्मीदों को भी इस चुनाव परिणाम से झटका लगा है. बता दें कि सूरत नगर निकाय के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने कुल 27 सीटें जीतकर चर्चा बटोरी थी. इस बार भी आम आदमी पार्टी पर सभी की नजरें थीं, लेकिन वह सूरत वाला नतीजा गांधीनगर में नहीं दोहरा पाई. बता दें कि गांधीनगर को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है.
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