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औलाद के चक्कर में मासूम को बनाया हवस का शिकार, फिर कलेजा निकाल चढ़ा दी बलि

काला जादू करने के लिए 6 साल की मासूम बच्ची के साथ किया गैंगरेप साथ ही फेफड़ों को भी निकालकर घटना को दिया गया अंजाम

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By Asna | खबरें - 17 November 2020

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के घाटमपुर इलाके में दिवाली की रात सबके रोगटें खड़े कर देने वाली घटना को अंजाम दिया गया। जहां काला जादू करने के लिए 6 साल की मासूम बच्ची के साथ पहले गैंगरेप किया गया लेकिन हैवानों का जब इतने से मन नहीं भरा तो उन्होंने उसके फेफड़ों को भी निकाल लिया। जिसके बाद पुलिस ने हत्या करने की रंजिश के चलते सोमवार को आरोपी अंकुल कुरील (20) और बीरन (31) को गिरफ्तार कर लिया गया। 

पुलिस ने परशुराम को शनिवार को ही गिरफ्तार कर लिया था जबकि उसकी पत्नी को पुरी वारदात में शामिल होने की आशंका के चलते हिरासत में लिया गया। खबरों के मुताबिक शुरु में परशुराम ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। लेकिन कड़ी पुछताछ होने के बाद उसने अपना जुर्म को काबुल कर लिया । उसने बताया कि उसकी शादी 1999 में हुई थी लेकिन अभी तक उसको  कोई औलाद नहीं हुई थी। पुलिस के मुताबिक परशुराम को औलाद हासिल करने के लिए काले जादु की राय दी गई थी। जिसके लिए उसको बच्ची के फेफड़ों की जरुरत थी इसके लिए उसने अपने भतीजे अंकुल को 500 रुपए और उसके दोस्त बीरन 1000 रुपए पड़ोस की बच्ची का अपहरण करने और उसके फेफड़ों को निकालने के लिए दिए थे।

पूछताछ के दौरान अंकुल ने पुलिस को बताया कि उसके चाचा परशुराम ने बताया था कि उसने एक किताब में पढ़ा था कि अगर किसी बच्ची का लीवर वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाएं तो संतान की प्राप्ति होगी। इसके बाद उन दोनों ने मिलकर बच्ची को जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। बाद में पेट फाड़कर अंदर से सारे अंग निकाल लिए और परशुराम को ले जाकर दे दिए। अंकुल के मुताबिक, चाचा परशुराम ने चाची के साथ मिलकर बच्ची का कलेजा खाया और बाकी अंग कुत्ते को खिला दिए। फिर पॉलिथीन में बांधकर फेंक दिए। 

बताया जा रहा है कि दिवाली की शाम जब घर के सभी दिवाली पूजा की तैयारी कर रहे थे तो बच्ची पटाखे खरीदने के लिए बाहर गई थी। तो परशुराम और उसके साथियों ने मौके का फायदा उठाकर उसका अपहरण कर लिया। काफी देर तक बच्ची जब वापस नहीं आई तो पुरे जिले में तालाशी शुरु हो गई लेकिन बच्ची का देर रात तक कुछ पता नहीं चला। वहीं रविवार की सुबह काली मंदिर के पास से गुजर रहे ग्रामीणों ने खून से लथपथ बच्ची के शव को पड़े देखा और पास के पेड़ के पास से एक चप्‍पल और कपड़े समेत उसका सामान भी पेड़ के पास से बरामद किया गया है।

वहीं इस हत्या को पड़ताल में तंत्र-मंत्र के कारण वारदात को अंजाम देने का अंदेशा जताया जा रहा है क्योंकि यह घटना दिवाली की रात की थी और इस दिन अघोरी साधना वाले अनुष्ठान करते है साथ ही बच्ची को शव काली मंदिर के सामने से मिला था। वही शरीर के कई अंदरुनी अंग गायब थे।   

इसके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया और पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने का भी निर्देश दिया है। वहीं इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाएगी ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल सकें।

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