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जब व्यक्ति अपने जीवन से निराश परेशान हो जाता है तो आत्महत्या के बारे में सोचने लगता है। स्ट्रेस, टेंशन और कई दूसरे ऐसे कारण होते हैं जो जिंदगी को खत्म करने की तरफ प्रेशर करते हैं। जब व्यक्ति डिप्रेशन में होता है तो आत्महत्या करने का ख्याल आता है। डिप्रेशन की वजह से ही सुसाइड जैसा ख्याल आने लगता है ऐसी सिचुएशन को हैंडल करने के लिए कई तरीके हैं।
क्यों आते हैं सुसाइड करने के ख्याल
- टेंशन और स्ट्रेस
- सिचुएशन में एडजस्ट ना हो पाना
- सिचुएशन को हैंडल ना कर पाना
- जिंदगी से निराश होना
- नशा करना
- हीन भावना होना
- फैमिली में आत्महत्या की हिस्ट्री
- कोई गंभीर बीमारी हो जाना
- समाज से अलग महसूस करना
सुसाइड के ख्याल से बाहर निकालने के तरीके
अगर आपको आत्महत्या का ख्याल आ रहा है तो ऐसे में आपको अपनी दिमागी हालत को बदलना है। कुछ समय के लिए आपको सोच-विचार करने पर फुल स्टॉप लगा देना है। आपको अपने इमोशंस को किसी के साथ शेयर करना चाहिए। आपको दूसरों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए।
जब आपको ऐसा लगे कि आप डिप्रेशन या फिर तनाव से गुजर रहे हैं तो खुद को अकेला रखने की बजाय दूसरों के साथ बिजी रहें। आपको सुसाइड का ख्याल आ रहा है तो परिवार और नजदीकी लोगों से अपना जुड़ाव रखें। आप अपने टेंशन को अपनी फैमिली, दोस्त या अपने किसी करीबी को शेयर कर सकते हैं।
आत्महत्या के विचार को जहन से निकालने के लिए रोजाना आपको मेडिटेशन करना चाहिए इससे दिमाग रिलैक्स हो जाता है। अगर आपके दिमाग में किसी तरह के नेगेटिव थॉट्स चल रहे हैं तो वह दूर हो जाते हैं। एक्सरसाइज करने से कार्टिसोल का लेवल कम होता है, दिमाग में हैप्पी हार्मोंस बढ़ने लगते हैं।
आपको अपना डेली रूटीन बनाना चाहिए जिसमें हेल्दी डाइट जरूर होना चाहिए। यह आपके दिमाग में हैप्पी हार्मोंस को इंक्रीज करते हैं। ऐसा होने पर आपको खुशी महसूस होती है और नेगेटिव थॉट्स बिल्कुल भी नहीं आते हैं। आपको दिन भर के कामों में व्यस्त रहना चाहिए इस तरह से आप पॉजिटिव फील करेंगे।
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