सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा को भरोसा है कि इन ट्विन टावरों के ढहने से उनकी अन्य परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
Story Content
सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा को भरोसा है कि इन ट्विन टावरों के ढहने से उनकी अन्य परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कंपनी ने पहले प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि हमने 70 हजार फ्लैट बनाए और डिलीवर किए. ऐसे में 952 फ्लैट वाले ट्विन टावर के गिरने से कंपनी के बाकी प्रोजेक्ट्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वास्तव में, ट्विन टावर्स के पास कंपनी के कुल निर्माणाधीन और डिलीवर किए गए फ्लैटों का केवल एक प्रतिशत ही था. आरके अरोड़ा के मुताबिक कंपनी ने 70 हजार फ्लैट दिए हैं और 20 हजार फ्लैट बन रहे हैं. यानी कंपनी ने अब तक कुल 90 हजार फ्लैट बनाए हैं और ट्विन टावर्स में 952 फ्लैट थे, जो कुल फ्लैटों का महज एक फीसदी है.
वहीं, ट्विन टावर के निर्माण और राशि के रिफंड में कंपनी को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ऐसे में अकेले ट्विन टावर्स की 5 फीसदी हिस्सेदारी थी। हालांकि इस रकम को छोटा नहीं माना जा सकता और न ही 5 फीसदी के नुकसान को छोटा माना जा सकता है. यानी कंपनी चाहे कितने ही दावे कर ले और कब्जा देने में सफल हो जाए, लेकिन अब काम की रफ्तार ऐसे नहीं टिक पाएगी. दूसरा, ट्विन टावर्स के ढहने के बाद कंपनी की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ा है.
आरके अरोड़ा के मुताबिक, कंपनी के पास नकदी की कमी है। ऐसे में शेष 20 हजार अपार्टमेंट जो 80 प्रतिशत तक बन चुके हैं, उन्हें पूरा करने के लिए वह फंडिंग की व्यवस्था करने में लगी है. इसके कारण उन्हें अपनी अचल संपत्ति की समस्याओं के कारण कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
Comments
Add a Comment:
No comments available.