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जानिए क्या है Omicron के 2 नए वेरिएंट, जिन्हें कहा जा रहा है चचेरे भाई, मचा हडकंप

कोरोना वायरस दुनिया भर के कई देशों में लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी बीच ओमिक्रोन के नए वेरिएंट सामने आए हैं. जिससे कई देशों में हाडकंप मचा हुआ है.

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By विपिन यादव | खबरें - 14 November 2022

 कोरोना वायरस का संक्रमण अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दुनिया भर के कई देशों में लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी बीच ओमिक्रोन के नए वेरिएंट सामने आए हैं. जिससे कई देशों में हाडकंप मचा हुआ है. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने अक्टूबर के अंत में ओमिक्रॉन के दो नए वेरिएंट को बीक्यू.1 और एक्सबीबी का नाम दिया.

चचेरे भाई हैं बीक्यू.1 और एक्सबीबी

अगर ओमिक्रॉन के अलग-अलग वेरिएंट को एक परिवार के रूप में देखें, इस साल के शुरुआत में ब्रिटेन में प्रभावी रहा बीए.2 वेरिएंट (फिलहाल ब्रिटेन में प्रभावी स्वरूप) बीए.5 का जनक है और बीक्यू.1 उसका वंशज है. दूसरे शब्दों में कहें तो बीक्यू.1 बीए.5 का सब-वेरिएंट है. एक्सबीबी ओमिक्रॉन के बीए.2 के दो सब-वेरिएंट बीए.2.10.1 और बीए.2.75 का एक हाइब्रिड वेरिएंट है. लिहाजा, एक्सबीबी बीए.2 का दूसरा वंशज है. इस तरह एक्सएक्सबी और बीक्यू.1 एक ही परिवार से आते हैं और 'चचेरे भाई' हैं. जब दो अलग-अलग सब-वेरिएंट की आनुवंशिक सामग्री के कुछ हिस्से आपस मिलते हैं तो एक संकर यानी हाइब्रिड वेरिएंट बनता है.

जाने बीक्यू.1 और एक्सबीबी के बीच अंतर

स्पाइक प्रोटीन (वायरस की सतह पर एक प्रोटीन, जो इसे हमारी कोशिकाओं में जाने देता है) के ‘रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन’ में कई साझा उत्परिवर्तन होने के कारण ओमिक्रॉन स्वरूप सफल होते हैं. रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) वायरस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो स्पाइक प्रोटीन पर स्थिति होता है. स्पाइक प्रोटीन आरबीडी को शरीर के रिसेप्टर में जाने देता है, जिसके बाद यह कोशिकाओं में जाकर संक्रमण फैलाता है. बीक्यू.1 और एक्सीबी के बीच इनके रूप बदलने और अलग-अलग जगहों में फैलने लेकर एक महत्वपूर्ण अंतर है.

तेजी से फैल रहा है बीक्यू.1

 ब्रिटेन, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बीक्यू.1 का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ONS) के हालिया आंकड़ों से अनुमान लगाया गया है कि देश में बीक्यू.1 के सब-वेरिएंट (बीक्यू.1 और बीक्यू.1.1 सहित) से संक्रमण के 16.7 प्रतिशत, जबकि अमेरिका में बीक्यू.1 और बीक्यू.1.1 से संक्रमण के लगभग 35 प्रतिशत मामले सामने आए.

हमें कितना एक्सबीबी से चिंतित होना चाहिए?

बीक्यू.1 और इसके मूल स्वरूप बीए.5 की तुलना में ओमिक्रॉन का एक्सबीबी वेरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को ज्यादा चकमा दे सकता है, जिस वजह से यह काफी अंदर तक फैल सकता है और वायरस का प्रकोप बढ़ सकता है. अच्छी खबर यह है कि सिंगापुर के आंकड़ों के आधार पर एक्सबीबी में बीए.5 की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 30 प्रतिशत कम होने का अनुमान लगाया गया है. इस बात की भी आशंका है कि ब्रिटेन आने वाले समय में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दोहरी लहर का सामना कर सकता है. इनमें से एक लहर यूरोप और अमेरिका में फैले बीक्यू.1 से, जबकि दूसरी लहर एशिया में फैले एक्सबीबी से उठ सकती है. हालांकि, अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि एक्सबीबी बीए.5 या बीक्यू.1 की जगह लेगा, या फिर कोई अन्य वेरिएंट अपने पांव पसारने के इंतजार में है.

एक्सबीबी एंटीबॉडी को चकमा देने के मामले में सबसे आगे

स्टडी में कहा गया है कि हमने कोरोना वायरस के जितने स्वरूप देखे हैं उनमें एक्सबीबी एंटीबॉडी को चकमा देने के मामले में सबसे आगे है.

स्पाइक प्रोटीन के जरिए वायरस हमारी कोशिकाओं को संक्रमित करता है और बीमारियों से रक्षा करने वाली हमारी एंटीबॉडी को निशाना बनाता है. एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन के भीतर उत्परिवर्तन एक्सबीबी को, कोविड टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी को बेअसर करने मदद कर सकता है

(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)

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