शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि एक तरफ हरियाणा सरकार बड़े-बड़े दावे करके कहती है कि पड़ेगा हरियाणा तो बढ़ेगा हरियाणा, वहीं दूसरी ओर बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है.
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एक तरफ हरियाणा सरकार पढ़ेगा हरियाणा तो बढ़ेगा हरियाणा का नारा दे रही है. वही दस साल से अपने बच्चों को रोजगार देकर अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास कर रहे पीटीआई को बर्खास्त कर उनके बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहा है.
हरियाणा में बेरोजगारी समस्या
आपकों बता दें कि, जांगड़ा ने कहा कि बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण बर्खास्त पीटीआई न तो अपने बच्चों को खाना दे पा रही है और न ही अपने स्कूल का खर्चा उठा पा रही है. जिससे उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. इतना ही नही उन्होंने कहा कि उनके बच्चों को भी अब यह डर सता रहा है कि कहीं उनके परिवारों की बेरोजगारी के कारण उन्हें भी पढ़ाई छोड़कर मजदूरी पर काम न करना पड़े.
मामले में हो रहा उग्र आंदोलन
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार की हठधर्मिता और तानाशाही 1983 परिवारों की बर्बादी का कारण बन रही है. लेकिन इसका राज्य सरकार पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है. जांगड़ा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बर्खास्त पीटीआई को जल्द बहाल नहीं किया गया तो अब उनका आंदोलन उग्र रूप लेगा. नीतू रानी, विनोद सांगा, अमित कुमार, सुरेंद्र कुमार शुक्रवार को क्रमिक अनशन पर थे. इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सोमदत्त शर्मा, महासचिव विनोद पीकू, सुनील कुमार डीपीई, हरीश गोच्ची, राजेश संभरावाल, अजीत राठी, महेंद्र श्योराण, बिजेंद्र बदला आदि उपस्थित थे.
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