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हज इस्लाम में पांच अराकानों में सबसे महत्वपूर्ण फर्ज है. जीवन में एक बार हज करना जरूरी है. लेकिन जिन लोगों ने हज यात्रा पर जाने का फैसला किया है, वे इस साल भी हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे. सऊदी अरब सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बाहरी लोगों को हज करने की अनुमति नहीं दी है. पिछले साल भी लोग कोरोना के चलते हज यात्रा पर नहीं जा सके थे.
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बिहार हज कमेटी के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद इलियास हुसैन ने कहा कि सऊदी अरब ने बाहरी देशों के लोगों के हज पर जाने पर रोक लगा दी है. इस साल सिर्फ 60,000 लोगों को हज की इजाजत मिली है. ये सभी लोग लोकल ही होंगे. पिछले साल भी कोरोना के चलते अरब सरकार ने हज के लिए सिर्फ एक हजार स्थानीय लोगों को ही मंजूरी दी थी. वहीं इस वर्ष भागलपुर समेत प्रदेश के पांच हजार से अधिक लोगों ने हज पर जाने के लिए पंजीकरण कराया था. लेकिन हज यात्रा को लेकर अरब सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं मिलने के कारण हज यात्रा पर जाने के खर्च की राशि नहीं ली गई.
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कहा जा रहा है कि इस साल और पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के चलते पंजीकरण कराने वाले लोग हज पर नहीं जा सके. मदरसा जामिया शाहबाजिया के प्रधान शिक्षक मौलाना मुफ्ती फारूक आलम अशरफी ने कहा कि हज के अर्कान का इस्लाम में बहुत महत्व है. जो कोई अल्लाह से प्रसन्न होता है, वह उसे अपने घर आमंत्रित करता है. लेकिन कोरोना काल में हज यात्रा पर न जाने से लोग नाखुश हैं. छोटी मस्जिद के इमाम सैयद घियासुल हक ने कहा कि अरब सरकार ने पिछले साल भी ऐसा ही फैसला लिया था। हज पर नहीं जाने से लोग दुखी हैं.
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