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Corona Virus ने पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है. आज इसके कारण करोड़ों ज़िंदगियां प्रभावित हो चुकी हैं. इससे बचने के लिए वैक्सीन बनाई गई. मगर वैक्सीन की किल्लत हो रही है. महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना टीकों की घोर किल्लत ने कोढ़ में खाज जैसे हालात बना रखे हैं. लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum) के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव (Suresh Jadhav) ने इन हालात का ठीकरा सरकार के ही सिर फोड़ दिया है. सीरम कंपनी ने कहा है कि सरकार बिना सोचे समझे टीकाकण अभियान चला रही है. सरकार की इस नीति से देशवासियों को सही समय पर वैक्सीन नहीं मिल रही है.
सीरम के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की आवश्यकता थी. लेकिन हमारे तय लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम के दरवाजे खोल दिए. इसके कारण हमें प्रेशर झेलना पड़ रहा है और आम भारतीयों को भी इससे परेशानी हो रही है.
भारतीय स्वरूप से बचाएगा टीका पर सावधानी बरतना जरूरी
सीरम के कार्यकारी निदेशक जाधव ने कहा कि टीकाकरण अनिवार्य है, लेकिन खुराक लेने के बाद भी लोग संक्रमण का शिकार हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, इसलिए सतर्क रहें और कोविड निवारण दिशानिर्देशों का पालन करें. हालांकि भारतीय स्वरूप का डबल म्यूटेंट भी मौजूदा टीकों से न्यूट्रलाइज्ड हो जाएगा, तब भी आगामी स्वरूप टीकाकरण में समस्या पैदा कर सकते हैं. अभी यह कहना जल्दबाजी है कि कौन सा टीका ज्यादा प्रभावी साबित होगा और कौन सा नहीं.
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