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आधार कार्ड जिससे हमारी पहचान का पता चलता है. ऐसे में अगर आप आधार कार्ड में कोई बदलाव करने जा रहे हैं तो कार्ड में आपके पिता या पति के साथ संबंध को मान्यता नहीं दी जाएगी. आधार कार्ड अब रिश्तों का खुलासा करने वाला दस्तावेज नहीं रह गया है. यह केवल आपको पहचानने का एक साधन मात्र रह जाता है। दिल्ली पुलिस के एक सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर रणधीर सिंह उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब उनकी पत्नी द्वारा अपने आधार कार्ड में अपने घर का पता बदलने के बाद उनका नाम 'वाइफ ऑफ' के बजाय 'केयर ऑफ' कर दिया गया.
बदलाव करने पर बदल जाएंगे रिश्ते
पहले तो उसने सोचा कि यह कंप्यूटर सिस्टम में किसी समस्या के कारण हो रहा है और आधार कार्ड बदलने के लिए डाकघर, बैंक और कई अन्य अधिकृत केंद्रों पर गया, लेकिन उसका नाम केयर ऑफ ही आ रहा था. बता दें पहले अशोक विहार पुलिस कॉलोनी में रहते थे और सेवानिवृत्त होने के बाद पीतमपुरा शिफ्ट हो गए हैं इसलिए वे आधार कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों का पता बदलने गए. बेटे का आधार कार्ड बदलने पर नाम की जगह पिता का ध्यान आ रहा था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है बदलाव
इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साल 2018 में आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत फैसला आया था. उस फैसले में लोगों की निजता की बात की गई है और उसी के आधार पर आधार कार्ड में सिर्फ रिश्ते की जानकारी नहीं दी जा रही है. हालांकि यह बदलाव किस महीने से किया गया, इसकी जानकारी यूआईडीएआई की ओर से नहीं दी गई.
अब आधार कार्ड बनवाना हुआ आसान
आधार में किसी भी बदलाव के लिए अधिकृत आईटी मंत्रालय के तहत काम करने वाले कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने कहा कि अब आधार में पिता, पुत्र, बेटी (पत्नी, पुत्र, पुत्री) हो गए हैं. इसकी जगह 'केयर ऑफ' छापा जा रहा है. कोई चाहकर भी किसी का नाम नहीं ले सकता. आधार कार्ड सिर्फ नाम और पता देकर भी बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आधार की वजह से रिश्ते तय नहीं किए जा सकते.
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