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हिंदू धर्म में शनि भगवान को कर्मफल दाता माना जाता है। शनि देव को न्याय देवता भी कहा जाता है वह व्यक्ति को उनके कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं। हिंदू धर्म में शनि देव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। शनि देव की पूजा करने से अशुभ प्रभाव और दोष से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति अपने जीवन में जो कष्ट झेलता है उन सभी से छुटकारा मिलता है।
शनि दोष से आती है परेशानी
किसी व्यक्ति के जीवन में अगर शनि दोष लगा हुआ है तो तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति होती है वह परेशानियों का सामना करते रहते हैं। कुंडली में शनि की स्थिति होना अशुभ और दोष रहित माना जाता है। शनि के प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए कुछ काम करना जरूरी है।
शनि दोष के लिए पहनें ये रत्न
शनि के दोष से छुटकारा पाने के लिए आपको नीलम रत्न पहनना चाहिए। नीलम रत्न को पुखराज कहा जाता है ऐसा माना जाता है कि इसे पहनने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा नीलम रत्न ज्ञान और धैर्य का भी प्रतीक होता है। यह रत्न पहनने से चिंता ही नहीं तनाव भी दूर रहता है। इसे पहनने के बाद आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं और परेशानियों का सामना भी कर सकते हैं।
नीलम पहनने के नियम
- अगर आप नीलम रत्न धारण कर रहे हैं तो आपको गाय के दूध, शहद, गंगाजल से इस रत्न को पवित्र बनाना चाहिए।
- नीलम रत्न पहनने के बाद पांच अगरबत्ती जलाएं और ओम नमः शनिचराय नमः का जाप करें।
- नीलम रत्न पहन रहे हैं तो यह ध्यान रखें की यह कम से कम 2 कैरेट का होना चाहिए।
- शनिवार के दिन 5 या 7 रत्ती का नीलम अंगूठी में जड़वाना चाहिए।
क्या है नीलम का प्रभाव
नीलम रत्न पहनने से व्यक्ति के जीवन में 24 घंटे शुभ प्रभाव बना रहता है। अगर यह नीलम रत्न आपको सूट नहीं करता है तो आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है। नीलम रत्न सिर्फ सकारात्मक ही नहीं बल्कि नकारात्मक प्रभाव भी देते हैं।
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