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हरियाणा बीजेपी की पहली अध्यक्ष और तीन बार कैबिनेट मंत्री रहीं 92 वर्षीय डॉ. कमला वर्मा का मंगलवार देर शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. डॉ. वर्मा स्वास्थ्य मंत्री भी थी. ब्लैक फंगस की बीमारी के चलते उनका इलाज चल रहा था. 20 मई को उसके परिवार वालों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों ने बीमारी से बचाव के लिए इंजेक्शन नहीं लगवाने का भी आरोप लगाया है. बाद में इंजेक्शन भी दिए, लेकिन सेहत में सुधार नहीं हुआ.
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बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. स्वर्गीय डॉ. कमला वर्मा को उनकी उपलब्धियों के लिए याद किया जाएगा। वर्मा हरियाणा की पहली महिला थीं जो आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षक बनीं. उन्हें 27 जून 1975 को सेंट्रल जेल अंबाला में डाला गया था. हालांकि, इस अवधि के दौरान महिलाओं के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं थी. कमला वर्मा 8 जनवरी 1977 तक जेल में रही. गिरफ्तारी के समय वे 46 वर्ष के थे और 19 महीने जेल में रही. 1977, 1987 और 1995 में हुए चुनाव जीतकर वे कैबिनेट मंत्री बनीं. स्वर्गीय डॉ. वर्मा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी और लालकृष्ण आडवाणी के विचारों से काफी प्रभावित थी.
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27 जून को उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी की खबर पढ़ी. इसके बाद वह इमरजेंसी के खिलाफ फ्यूरी मार्च निकालने की तैयारी कर रही थीं. यमुना गली के दौरे पर थे. तभी एक बूढ़े ने उनसे पूछा कि क्या आप जानते भी हैं कि इमरजेंसी क्या होती है? मैं अपनी सरकार के खिलाफ नहीं बोल सकती. अगर आप आवाज उठाते हैं तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. इमरजेंसी के बाद पैदा हुए हालात को ध्यान में रखते हुए वह घर आ गईं. जब वह घर लौटी तो पूरे घर को पुलिस ने घेर लिया. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की थी. साथ ही जिले के हालात के बारे में भी पूछा.
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