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राजधानी दिल्ली में इस बार भी पूरी तरह से पटाखों पर बैन लगा दिया गया है. इस साल भी दिल्ली की दिवाली बिना पटाखों वाली होगी. दिल्ली सरकार ने पटाखों कि बिक्री और भंडारण पर रोक लगा दिया है. इसकी सूचना दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर दी है.
गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा 'सभी दिल्ली वासियों को प्रदूषण से बचाने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी दिल्ली में सभी तरह के पटाखों पर के उत्पादन और भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी गईहै'. मंत्री गोपाल राय ने यह भी कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगाई जा रही है.
पटाखों पर क्यों लगा बैन?
दिल्ली में पटाखे पर इस लिए बैन किया जा रहा है क्योंकि दिल्ली की हवा अक्टूबर महीने से खराब होने लगती है. इसके दो कारण हैं पहला तो यह कि अक्टूबर माह से ही मौसम का मिजाज बदलने लगता है. तापमान में गिरावट आ जाती है और हवा की स्पीड पर भी असर पड़ता है. जिस कारण पोल्यूटेंट्स जम जाते हैं और प्रदूषण बढ़ जाता है. दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले साल भी पटाखों पर बैन लगा दिया था. इसलिए इस साल भी दिल्ली पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है.
पटाखों पर कब तक बैन?
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पटाखों के उत्पादन,भंडारण, और बिक्री पर हमेशा बैन रहेगी. यह प्रतिबंध 1जनवरी 2023 तक रहेगा . हलांकि गोपाल राय ने यह नही बताया की पटाखों पर प्रतिबंध कब से लागू किया जाएगा. बता दें कि पिछली साल 28 सितम्बर 2021 से 1 जनवरी 2022 तक प्रतिबंध था.
ग्रीन पटाखे पर भी रहेगा बैन?
बता दें दिल्ली सरकार ने सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर बैन लगा दिया है. इसकी जानकारी गोपाल राय ने अपने ट्वीट के जरीए कहा है की दिल्ली में सभी तरह के पटाखों पर बैन रहेगा. इसका साफ मतलब है कि दिल्ली में ग्रीन पटाखे पर भी प्रतिबंध रहेगा.
क्या कहते हैं? एक्सपर्ट
ग्रीनपीस इंडिया से जुड़े अविनाश चंचल ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पटाखे प्रदूषण बढ़ाते हैं, लेकिन इसके अलावा और दूसरे सोर्स भी हैं जो हवा खराब करते हैं. जैसे- ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री, कंस्ट्रक्शन और थर्मल पावर प्लांट भी प्रदूषण बढ़ाने के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं.
पर्यावरणविद भवरीन कंधारी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि दिल्ली सरकार पटाखों को सालभर के लिए बैन क्यों नहीं करती? इसे सिर्फ एक तय समय के लिए ही क्यों प्रतिबंधित किया जाता है. उन्होंने कहा कि दुकानदारों ने स्टॉक रख लिया होगा और इसे खत्म करने के लिए डिस्काउंट प्राइस पर बेचा जाएगा.
उन्होंने ये भी कहा कि कोई अधिकारी या वॉलेंटियर भी नहीं है, जो इस प्रतिबंध को जमीन पर लागू करवा सके.
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के एनालिस्ट सुनील दाहिया ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाना सही है, ताकि त्योहार के समय लोग साफ हवा में सांस ले सकें. लेकिन कोयले पर चलने वाले पावर प्लांट के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए ऐसे पावर प्लांट को देना चाहिए .
सुप्रीम कोर्ट बताया था सुझाव
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से कोई प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर प्रतिबंध है जिनमें बेरियम सॉल्ट होता है. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को सुप्रीम कोर्ट ने 'इमरजेंसी' बताया था और दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया था.
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