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पूर्व केंद्रीय कानून सचिव PK मल्होत्रा ने कहा, "निरसन के लिए, संसद की शक्ति संविधान के तहत कानून बनाने के समान है." लोकसभा के पूर्व महासचिव आचार्य ने कहा, "कोई दूसरा रास्ता नहीं है." एक सवाल के जवाब में आचार्य ने कहा कि ''सरकार एक ही निरसन विधेयक के जरिए तीनों कानूनों को निरस्त कर सकती है''. तीन कृषि कानूनों को लागू नहीं किया गया है, लेकिन तथ्य यह है कि वे संसद द्वारा पारित कानून हैं जिन्हें राष्ट्रपति की सहमति मिली है, मल्होत्रा ने कहा, यह देखते हुए कि उन्हें अकेले संसद द्वारा निरस्त किया जा सकता है.
कृषि कानून
घटनाओं के अचानक मोड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सभी तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की. घोषणा की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए राज्य और केंद्रीय प्रतिनिधियों की एक समिति का गठन किया. गुरुपर्व के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कानून राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में लाए गए थे और इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों के लिए था. संसद के आगामी सत्र में कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा. मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "मैं सभी आंदोलनकारी किसानों से अपने परिवारों और गांवों में वापस जाने और एक नई शुरुआत करने का आग्रह करता हूं." कानूनों के विरोध में और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर हजारों किसान पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.
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