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इंजीनियरिंग अब हिंदी समेत सभी भारतीय भाषाओं में पढ़ाई जाएगी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इसे चालू शैक्षणिक सत्र से हिंदी समेत आठ भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की मंजूरी दे दी है. आने वाले दिनों में एआईसीटीई ने इसे लगभग 11 भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की योजना बनाई है इ.स बीच, जिन अन्य सात भारतीय भाषाओं को हिंदी के साथ पढ़ाने की मंजूरी दी गई है उनमें मराठी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं.
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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्थानीय भाषा पर जोर
एआईसीटीई ने यह पहल ऐसे समय में की है जब जर्मनी, रूस, फ्रांस, जापान और चीन समेत दर्जनों देशों में स्थानीय भाषाओं में शिक्षा दी जा रही है. हाल ही में, देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने स्थानीय भारतीय भाषाओं के अध्ययन पर भी जोर दिया है.
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ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को होगा फायदा
सरकार का मानना है कि बच्चे स्थानीय भाषाओं में पढ़कर सभी विषयों को बेहतर ढंग से सीख सकते हैं. उन्हें अंग्रेजी या किसी अन्य भाषा में पढ़ते समय समस्या होती है.. इस पहल से सबसे अधिक लाभ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को होगा, क्योंकि वर्तमान समय में ये पाठ्यक्रम अंग्रेजी भाषा में हैं जिसके कारण वे पढ़ाई से हट जाते हैं.
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