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देशभर में प्रवर्तन निदेशालय की जोरदार कार्रवाई जारी है. पिछले दिनों से पश्चिम बंगाल में ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है. शुक्रवार को बंगाल में उस समय भारी हंगामा मच गया जब भीड़ ने तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर छापेमारी करने गई ईडी की टीम पर हमला कर दिया. यह हमला टीएमसी नेता के समर्थकों ने किया था, जिसमें ईडी के कुछ अधिकारियों को सिर पर गंभीर चोटें आईं. इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें
जिस समय ईडी की टीम पर हमला हुआ, उस समय ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के केवल 27 जवान मौजूद थे. इस हमले में जांच टीम के तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं. इस मामले में ईडी अधिकारियों ने कहा कि हमले के दौरान भीड़ ने उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और बटुए भी छीन लिये. इस मामले में कार्रवाई करते हुए बंगाल पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज की हैं.
इस घटना को लेकर विपक्ष सीएम ममता बनर्जी पर हमलावर है. एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है, वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी संकेत दिया है. राज्यपाल ने कहा कि सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार किया जाएगा और मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी. बीजेपी का कहना है कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है. राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए यह उपयुक्त मामला है.
नेता शंकर आध्या गिरफ्तार
ईडी के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में शुक्रवार देर रात उत्तर 24 परगना जिले से अनुभवी तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर आध्या को गिरफ्तार किया। शंकर आध्या, जो उसी जिले में बोंगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक में ईडी कार्यालय में लाया गया है। उन्हें पहले मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा और फिर शनिवार दोपहर को कोलकाता में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की एक विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा।
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