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ठंडी हवा और कड़ाके की ठंड के कारण बुजुर्गों और बच्चों में कई तरह की शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। ठंड के मौसम में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपने देखा होगा कि ठंड में पानी पीने का मन नहीं होता है, जिससे शरीर पर कई तरह के साइड इफेक्ट दिखाई देने लगते हैं। मौसम चाहे कोई भी हो अगर आपके शरीर को उतना पानी नहीं मिलता जितना उसे चाहिए तो शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। शरीर को हाइड्रेट रखने का काम पानी ही करता है। वहीं, पानी गंदगी को दूर करने का काम भी करता है। कम पानी पीने से शरीर कई बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसकी शुरुआत निर्जलीकरण से होती है, इसका मतलब साफ है कि शरीर में पानी की कमी हो गई है।
सीधा असर पेट पर
शरीर में पानी की कमी होने पर कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं जिसका सीधा असर पेट पर पड़ता है। पानी न पीने से कब्ज से लेकर गंभीर बीमारी तक हो सकती है। भोजन को ठीक से पचाने के लिए जरूरी है कि आप खूब पानी पिएं। पानी की कमी से त्वचा बेजान हो जाती है यानि सूखा हो जाता है, इसलिए हर दिन 5-7 गिलास पानी पीना जरूरी है।
खून और ऑक्सीजन की कमी
ठंड में प्यास कम लगती है जिसके कारण व्यक्ति कम पानी पीता है। कम पानी पीने से कमजोरी होने लगती है। शरीर में पानी की कमी होने से शरीर कमजोर होने लगता है। साथ ही शरीर में खून और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण थकान भी महसूस होती है।
जलन की शिकायत
पानी की कमी से किडनी पर बुरा असर पड़ता है। किडनी को पानी की भरपूर जरूरत होती है। जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या ट्रैक में जलन की शिकायत हो सकती है। अगर आप सर्दियों में भी स्वस्थ और हाइड्रेटेड रहना चाहते हैं, तो आपके लिए दिन में 3-4 लीटर पानी पीना बहुत जरूरी है इससे आप स्वस्थ और तरोताजा रहते हैं। रोजाना 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए।
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