Story Content
गया जिले की टिकारी प्रखंड की लोहानीपुर गांव में टेलीमेडिसीन सेंटर और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। टेलीमेडिसीन और डिजिटल लाइब्रेरी से गांव के युवाओं को डिजिटल शिक्षा और स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जागृत किया जाएगा।
भविष्य में गांव के बच्चों को कंप्यूटर और इससे जुड़े नए तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। दो महीने पहले ही कुवैत के स्वास्थ्यकर्मी डॉ सुमंत मिश्रा ने लोहानीपुर गांव को गोद लिया था। कुवैत के डॉक्टर भैया की कोशिश और संवाद के प्रयास से छोटे से गांव में टेलीमेडिसीन सेंटर और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना का सपना पूरा हो सका है। इस कार्यक्रम के जरिए युवाओं में डिजिटल क्रांति के बारे में बताया जाएगा। उन्हें नई तकनीकों से जोड़ा जाएगा। आने वाले दिनों में बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन, 3-डी एडिटिंग के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। ग्रामीणों को घर बैठे ही स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शिक्षाविद् बिक्रम सिंह, डॉ. विनोद सिंह, अलखदेव सिंह, नरेंद्र सिंह, बब्बन सिंह, देव प्रसाद सिंह, पिकू आजाद, मुकेश कुमार समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।
डिजिटल शिक्षा का केंद्र बनेगा लोहानीपुर
संवाद संस्था के संस्थापक बिक्रम सिंह का कहना है कि लोहानीपुर आने वाले दिनों में पूरे बिहार का डिजिटल शिक्षा का केंद्र बनेगा। शुरुआत लोहानीपुर से हो रहा है, फिर इसे टिकारी ब्लॉक स्तर पर शुरु किया जाएगा। हमर गांव डिजिटल गांव कार्यक्रम के जरिए साल में 10 मेधावी छात्रों की पढ़ाई बिहार के अच्छे स्कूलों में मुफ्त में करवाई जाएगी। हिन्दी के प्रोफेसर और सुपटा के निवासी डॉ. राधेश्याम शर्मा लोहानीपुर पुस्कालय को 500 किताबें दान करेंगे। ज्ञान भारती स्कूल के कार्यरत शिक्षक नागेंद्र सिंह हर सप्ताह बच्चों को पढ़ाएंगे। डिजिटल लाइब्रेरी की मदद से लोहानीपुर के अलावा आस-पास के 16 गांव के लोगों को फायदा मिलेगा।
एम्स के डॉक्टरों का साथ मिला
गांव में स्वास्थ्य की समस्या को दूर करने के लिए एम्स के कई डॉक्टर इस कार्यक्रम से जुड़ चुके हैं। पटना एम्स की डॉक्टर पल्लवी त्रिपाठी गांव के लोगों को स्वास्थ्य के बारे में हर सप्ताह सलाह देंगी। इसके अलावा दिल्ली के डॉक्टर भी इस मुहिम से जुड़कर लोगों का देखभाल करेंगे। लोहानीपुर गांव को गोद लेने वाले डॉक्टर भैया उर्फ डॉ सुमंत मिश्रा यूके, दुबई, अमेरिका समेत विदेश के कई डॉक्टरों को इस मुहिम से जोड़ेंगे, ताकि गांव के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।
कैसा रहेगा डिजिटल लोहानीपुर
लोहानीपुर डिजिटल गांव में फ्री इंटरनेट, कंप्यूटर, स्मार्ट स्क्रीन, प्रिंटर, प्रोजेक्टर और 3-डी प्रिंटर की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा इस डिजिटल लाइब्रेरी में एक प्रसिक्षित टीचर भी रहेंगे जो बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे। ऑनलाइन बच्चों की ट्रेनिंग होगी। ट्रेनिंग देने के लिए देश विदेश के एक्सपर्ट जुड़ेंगे।
क्या है डिजिटल लाइब्रेरी?
डिजिटल लाइब्रेरी की मदद से गांव के बच्चों को स्कूल की सभी किताबें उपलब्ध करवाई जाएंगी। देश-विदेश के शिक्षक ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके अलावा नर्सरी से यूपीएससी तक की ई बुक्स बच्चों को दी जाएंगी, जिसमें वीडियो फॉर्मेट में भी कंटेट रहेगा।
टेलीमेडिसीन क्या है?
टेलीमेडिसीन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसकी मदद से ग्रामवासियों को स्वास्थ्य के प्रति जानकारी दी जाएगी। देश-विदेश के डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांव वालों का इलाज करेंगे। इस कार्यक्रम में एम्स के डॉक्टर समेत कई विदेशी डॉक्टर भी जुड़े हैं। इस व्यवस्था में लोकल स्तर के डॉक्टर और आशा दीदी को ट्रेनिंग दी जाएगी।
Comments
Add a Comment:
No comments available.