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दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी सफलता, उत्तराखंड में नकली रेमडेसिविर बनाने वाली कंपनी का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस को कोरोना काल में लगी बड़ी सफलता हाथ, जानिए कैसे इंसानियत को शर्मसार करने वाले काम का किया भंड़ाफोड़.

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By Deepakshi | खबरें - 30 April 2021

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जहां लोगों को बदहाल कर दिया है. वही, इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटनाएं भी लगातार सामने आ रही है. हम सभी इस वक्त देश की स्थिति को जानते हैं. हर दिन ऐसी खबरें सुनने और पढ़ने को मिलती ही रहती हैं जिसके चलते किसी का भी दिल दहल उठता है. जहां एक तरफ लोगों को ऑक्सीजन और बेड की कमी की मार झेलने को मिल रही है. वही, कुछ लोग ऐसे हैं जोकि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्हें ऐसे समय में भी पैसा कमाने की पड़ी है, लेकिन पुलिस वालों की ओर से दिन रात ऐसे लोगों का भंडाफोड़ा जा रहा है जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का काम कर रहे हैं. 

ऐसी ही कुछ हाल ही में दिल्ली पुलिस करती हुई नजर आ रही है. दिल्ली पुलिस द्वारा क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड के कोटद्वार में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली दवां कंपनी का भंडाफोड़ करने का काम किया है. पुलिस की ओर से छापेमारी करते हुए यहां से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनसे अब पूछताछ तक की जा रही है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इनके पास से 196 रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं. इसके अलावा इस मामले में एक महिला सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दी ट्वीट करके जानकारी

अभी तक वो दो हजार से ज्यादा नकली डोज मरीज के परिजनों को बेच चुके थे. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्वीट कर इस फैक्ट्री पर छापेममारी की जानकारी लोगों को दी है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक पिछले कुछ वक्त से उनकी टीम को इस बात की जानकारी मिल रही थी कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो रही है. इसे लेकर बीते दिनों कई गैंग्स को क्राइम ब्रांच ने पकड़ने का काम किया है. ऐसे ही एक गैंग क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल ने दक्षिण दिल्ली स्थित बत्रा अस्पताल के पास से बीते हफ्ते पकड़ा था. 

क्राइम ब्रांच ने यहां से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर रेमडेसिविर इंजेक्शन के 10 वायल बरामद किए थे. पुलिस को आरोपियों ने बताया था कि वह एक महिला से रेमडेसिविर  इंजेक्शन लेकर इसे अस्पताल के बाहर बेचने का काम किया करते थे. मरीज के परिजनों को 25 से 40 हजार रुपये में बेचते थे. इसी जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने दिल्ली से महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

ऐसे हुआ नकली रेमडेसिविर बनाने वाली फैक्ट्री का खुलासा

पुछताछ के वक्त महिला पुलिस ने ये जानकारी दी कि वह उत्तराखंड के रुकड़ी निवासी वतन सिंह से  लेकर उसे आगे बेचने के लिए देती थी. इसके आधार पर क्राइम ब्रांच की एक टीम उत्तराखंड पहुंची और वहां से वतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद भी कई सारे रेमडेसिविर इंजेक्शन के डोज बरामद हुए.  पुलिस ने आरोपी को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया है. उसने ही पुलिस को बताया कि वह कोटद्वार में नकली रेमडेसिविर तैयार कर उसे जरूरतमंद लोगों के बेचता है. इसके लिए उसने लोगों के बीच अपने नंबर को भी वायरल किया था. इस जानकारी पर ही क्राइम ब्रांच की टीम ने वतन सिंह को साथ लेकर गुरुवार को उत्तराखंड के कोटद्वार में उस फैक्ट्री पर छापा मारने का काम किया, जिसमें नकली दवाईयां तैयार हो रही थी.

कितनी अजीब बात है न लोग वैसे ही कोरोना वायरस के चलते  ऑक्सीजन और बेड न मिलने की वजह से परेशान है. ऊपर से नकली दवाईयों की दाम आसमान छूने का काम कर रहे हैं. इसको लेकर सरकार को जगना होगा और कोर्ट को सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि इस पाप से भरे काम पर रोक लगाई जा सकें.

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