Story Content
उत्तर प्रदेश के कल्कि मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। इस मंदिर के निर्माण की बात करें, तो मंदिर का निर्माण कल्कि पीठ ने करवाया है। बता दें कि, कल्कि को भगवान विष्णु का अवतार बताया गया है पुराणों में भी यह मान्यता है कि कलयुग में जब पाप चरम सीमा तक बढ़ गया और धर्म संकट में आ गया, तब भगवान अवतार लेंगे।
कौन है भगवान कल्कि ?
बता दें कि, भगवान कल्कि विष्णु के दसवें अवतार होंगे इनका अवतार अभी तक हुआ नहीं। कल्कि पुराण के मुताबिक, देखा जाए तो कलयुग का पाप जितना बढ़ता जाएगा, हर तरफ उतना गहरा अंधेरा और धर्म का संकट मंडराता रहेगा, इसके बाद भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर अवतार लेंगे। इतना ही नहीं भगवान विष्णु सावन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संभल में अवतार लेंगे। इसके अलावा श्रीमद् भगवत गीता के स्कंद में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का विस्तार से उल्लेख किया गया है। संभल गांव में भगवान विष्णु यश नामक एक ब्राह्मण महात्मा होंगे जो बड़े हृदय वाले होंगे।
500 साल पहले क्या हुआ था ?
संभल गांव में भगवान कल्कि का एक मंदिर था लेकिन इसे तोड़कर वहां मस्जिद बनवाया गया। इस मस्जिद का निर्माण भारत में मुगल वंश की नींव रखने वाले बाबर ने करवाया। इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि, मुगल शासक बाबर ने अपने जीवन काल में तीन मस्जिद का निर्माण करवाया था जिसमें अयोध्या में बाबरी मस्जिद, पानीपत में काबुली बाग मस्जिद और संभल की शाही जामा मस्जिद है। बता दें कि, पानीपत की पहली लड़ाई में जीत के तौर पर तारीख को यादगार बनाने के लिए वहां काबुली बाग मस्जिद का निर्माण कराया गया और इस मस्जिद का नाम अपनी पत्नी काबुली बेगम के नाम पर रखा गया था।
क्या है दोनों का संबंध ?
इतिहासकारों के अनुसार, यदि देखा जाए तो 1528 में बाबर के आदेश पर उनके वफादार मीर बेग ने कल्कि मंदिर को नष्ट कर दिया था और मंदिर के अवशेष पर मस्जिद की तामीर कराई गई थी। मंदिर की दीवार और दूसरी चीजों पर मंदिर के अवशेष नजर आते हैं, वही कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के मुताबिक मंदिर बनवाने का संकल्प लिया गया था, अब मंदिर के पीठ का निर्माण करवा दिया गया है।
Comments
Add a Comment:
No comments available.