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कोरोना वायरस अपने कई रूप बदलता हुआ दिखाई दे रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि भारत में इसके डबल नहीं बल्कि ट्रिपल म्यूटेंट स्ट्रेन भी पाए गए हैं. अब वैज्ञानिकों का आत्मविश्वास बढ़ने वाला है कि भारत में दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कारगर है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स के डायरेक्टर सौमित्र दास की माने तो देश के कई हिस्से में मरीजों से मिले वायरस के अध्ययन से इस बात की जानकारी सामने आई है, लेकिन राहत की खबर ये है कि देश में उपलब्ध दोनों वैक्सीन उन पर असर कर रही है.
कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग पर आयोजित वेबिनार में दास ने कहा कि डबल और ट्रिपल म्यूटेंट आम बोलचाल की भाषा के शब्द है, लेकिन सही मायने में ये कोरोना वायरस के बी.1.617 वैरिएंट ही हैं. वैसे देखा जाए तो कुछ मामले में ये समान है. इनमें एक-दूसरे से मिलते हुए लक्षण मौजूद हैं. कल्याणी में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स बायो टेक्नोलॉजी विभाग के अंतगर्त आता है. यह विभाग देश में चल रही 10 प्रयोगशालाओं में से एक है. ये सभी कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग के काम में लगी. 2020 में भारत दुनिया के शुरुआती देशों में था जिन्होंने कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग का पता लगाया था. इससे मरीजों के इलाज और वैक्सीन तैयार करने में काफी मदद मिली थी.
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