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फिल्म का नाम: छलांग
कास्ट: राजकुमार राव, नुसरत भरुचा, मोहम्मद जीशान अय्यूब, इला अरुण, सतीश कौशिक, सौरभ शुक्ला और अन्य
निर्देशक: हंसल मेहता
अवधि: दो घंटे 16 मिनट
कहां देखें: अमेज़न प्राइम वीडियो
रेटिंग: 3/5
छलांग एक लोटपोट कर देने वाली फिल्म है, इसके बावजूद वो मोंटू की प्रेरणादायी सफर को दर्शाती है। मोंटू एक सेमी गर्वमेंट स्कूल का पीटी मास्टर होता है, जिसके लिए पीटी पढ़ाना सिर्फ एक जॉब है। जब परिस्थितियों पैदा होती है तो वह सब कुछ उसमें दांव पर लगाता है, जिसमें नीलू शामिल होती है, जिसे वह प्यार करता है। मोंटू को वह करने के लिए मजबूर किया जाता है जो उसने कभी नहीं किया है - यानी पढ़ाना। इस पूरी फिल्म में स्पोर्ट्स एजुकेशन के महत्व को देखने की कोशिश की गई है।
फिल्म छलंग का रिव्यू:
स्पोर्ट्स एजुकेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है जोकि लोगों का ध्यान अपनी ओर खिंचना जरूरी समझता है। सिनेमा ने कई संभव तरीकों से खेल-आधारित ड्रामों को बनाया है। उसमें से कुछ ने तो कमाल का काम किया तो कुछ विफल रहे। इस तरह का प्रयास न तो को-राइटर लव रंजन और न ही निर्देशक हंसल मेहता ने किया है। फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाले राजकुमार राव का निर्देशन हंसल ने पहली बार किया है। लेकिन वो ये जानते हैं कि बढ़िया स्टारकास्ट के लिए उन्हें अच्छी कहानी की जरूरत होती और वो डायरेक्ट देते हुए नजर आए।
फिल्म की कहानी
फिल्म की शुरुआत हरियाणा के रहने वाले मोहिंदर हुड्डा उर्फ मोंटू से होती है जोकि सरकारी स्कूल के पीटी टीचर होते हैं। वो बड़े ही आराम से अपने जिंदगी मौज में काटता हुआ नजर आता है। वो स्कूल के बच्चों की एक्टिविटी पर ध्यान नहीं देता और उन्हें कुछ भी सिखा देता है। उसने अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा नहीं किया होता है। उसके पिता के कहने पर ही उसकी नौकरी स्कूल में लगती है, जिसमें वो बचपन में पढ़ा करता था।
मोंटू की दोस्ती उसी स्कूल के एक टीचर वेकंट से होती है। मोंटू की जिदंगी सही काट रही होती है कि इसके बाद उनकी लाइफ में एंट्री मारती है नीलिमी मैडम जिसका रोल नुसरत भरूचा ने निभाया है जोकि एक कंप्यूटर टीचर होती है। बस मोंटू उन्हें देख फिदा हो जाता है और पटाने की कोशिश करने लगता है। प्यार की गाड़ी दौड़ने वाली ही होती है कि तभी स्कू में एंट्री होती है नए पीटी टीचर मिस्टर सिंह की जिसका किरदार मोहम्मद जीशान अयूब ने निभाया है। इसके बाद मोंटू और मिस्टर सिंह के बीच तकरार होने लगती है। मोंटू की तो नौकरी, प्यार और इज्जत सब बर्बाद होने की कगार पर आ जाता है। इसके बाद दोनों एक स्पोर्ट्स कम्पटीशन लड़ने का फैसला लेते हैं। इस कम्पटीशन में फिल्म के अंदर जो जीतता है वो ही सब कुछ पा लेता है। अब किस के हाथों जीत मिलती है इस बात का पता तो आप फिल्म देखकर ही लगा सकते हैं।
फिल्म के किरदार
इस फिल्म के अंदर राजकुमार राव किसी भी तरह से लोगों को निराश करते हुए नजर नहीं आए है। उन्होंने ये किरदार बखूबी निभाया है। वहीं, फिल्म के अंदर नीलिमी का किरदार नुसरत भरूचा अच्छी तरह से करती हुई नजर आई है। भले ही उनका रोल छोटा सा है लेकिन उनकी मेहनत और लगन उसमें साफ नजर आई है।
बात करें सपोर्टिंग रोल की तो मोन्टू के पिता के किरदार में सतीश कौशल, दोस्त के किरदार में सौरभ शुक्ला, मैं के किरदार में बलजिंदर कौर और वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल के किरदार में ईला अरुण काफी कमाल का काम करती हुई नजर आई है। ये सभी एक्टर्स अपने शानदार काम का नमुना लोगों को दिखाते हुए नजर आए हैं। वहीं, मोहम्मद जीशान अयूब विलेन के किरदार में काफी दमदार नजर आए हैं। फिल्म की कहानी लव रंजन ने लिखी है। फिल्म के अंदर पीटी टीचर की लाइफ, हरियाणा शहर और बाकी चीजों को हंसल मेहता ने बखुबी निभाया है। फिल्म के म्यूजिक की बात करें तो वो काफी अच्छा है। कुल मिलकर ये फिल्म लोगों को अच्छी लगेगी।
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