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सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि न्यायाधीश घर पर मास्क पहनने के लिए मजबूर हैं. नाराज सीजेआई ने औद्योगिक और वाहन प्रदूषण से निपटने के लिए दो दिनों के लॉकडाउन का भी सुझाव दिया. "हमें बताएं कि हम कितनी जल्दी एक्यूआई को 200 अंक कम कर सकते हैं," उन्होंने कहा. उनकी अध्यक्षता में एक विशेष पीठ ने केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों से किसानों को आपूर्ति की गई 'हैप्पी सीडर' मशीनों का विवरण भी मांगा.
CM @ArvindKejriwal's BIG DECISION after Emergency Meeting on Pollution:
— AAP (@AamAadmiParty) November 13, 2021
▪️Schools to be physically closed for a week
▪️Construction activities not to be allowed
▪️Govt offices to operate from home,same advice for Private
▪️Will put a proposal for lockdown before Supreme Court pic.twitter.com/d6HAyjp3Vd
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CJI ने बेंच के समक्ष रखे गए एक दस्तावेज का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है और यह और खराब हो जाएगी. "एक आपातकालीन निर्णय लें. हम बाद में दीर्घकालिक देखेंगे. कुछ करने की आवश्यकता है ताकि दो से तीन दिनों में हम बेहतर महसूस करें," उन्होंने कहा. ’‘आप पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को कुछ दिनों के लिए पराली जलाने से रोकने के लिए क्यों नहीं कहते, सीजेआई ने सुझाव दिया. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मुख्य सचिवों को बाद में दिन में बैठक करनी थी. बेंच राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर दिल्ली के 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
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जस्टिस कांत ने उनसे कहा कि सीजेआई के एक तीखे सवाल को टालें नहीं. "सीजेआई के प्रश्न का उत्तर दें. क्या दिल्ली में 80% प्रदूषण पराली जलाने के अलावा अन्य कारणों से है?" CJI ने फिर जोर देकर कहा कि प्रदूषण का कुछ प्रतिशत स्थिर जलने से हो सकता है, लेकिन औद्योगिक और वाहन प्रदूषण जैसे अन्य कारणों का क्या.
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