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बिहार के सहरसा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे माफिया और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को गुरुवार की सुबह यानी की आज जेल से रिहा कर दिया है. उनकी रिहाई बिल्कुल गुप चुप तरीके से की गई है. आनंद मोहन सिंह कि रिहाई गुरुवार दोपहर को होनी थी. लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि उनको सुबह ही छोड़ दिया गया. कागजी प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली गई थी.
15 दिन की पैरोल पर आए थे बाहर
इस खबर की पुष्टि करते हुए एक जेल अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि, गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह आज सुबह सहरसा जेल से रिहा हुए. मालूम हो कि, पूर्व सांसद 15 दिनों की पैरौल पर बाहर आए थे. बीते दिन, बुधवार को ही उन्होंने सरेंडर किया था. आनंद मोहन 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.
जेल नियमों में बिहार सरकार ने किया संशोधन
जानकारी के लिए बता दें कि, बिहार सरकार ने हाल ही में आनंद मोहन सिंह सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था. बिहार सरकार ने जेल मैनुअल के नियमों में संशोधन के बाद, एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि 14 साल या 20 साल जेल की सजा काट चुके 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है.
कार से बाहर खींच कर अधिकारी की गई थी हत्या
आनंद मोहन सिंह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. आनंद मोहन सिंह द्वारा कथित रूप से उकसाई गई भीड़ द्वारा कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी. उन्हें उनकी आधिकारिक कार से बाहर खींच लिया गया और पीट-पीट कर मार डाला गया.
इस फैसले के खिलाफ करेंगे अपील: कृष्णैया की बेटी पद्मा
उधर आनंद मोहन की रिहाई पर गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने इस मामले पर सरकार को पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने समाचार एजेंसी को बताया की बिहार सीएम नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है. हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करे. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे. वहीं आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
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