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Sultanganj Bridge Falls: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल रविवार को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया है. इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिखाई दे रहा है कि ताश के पत्ते की तरह नदी में पुल समा गया. अब इस पर सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भागलपुर में पहले भी ऐसा हुआ था तब भी हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ? सीएम ने कहा 2014 से इस पर काम शुरु हुआ था. कल पुल गिरने की घटना के बाद हमने विभाग के लोगों को एक्शन लेने के लिए कहा है.
तेजस्वी यादव ने दी सफाई
वहीं, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पुल गिरने के मामले में सफाई देते हुए कहा, जब इससे पहले भी पुल गिरने की घटना हुई थी, तब भी हम आशंका में थे कि हमें सभी सेगमेंट की जांच करानी चाहिए. इसके लिए रिव्यू मीटिंग भी की गई थी. तेजस्वी यादव ने कहा हमें इसके डिजाइन में पहले से ही फॉल्ट था, इसे पूरे तरीके से ध्वस्त करके फिर से कार्य प्रारंभ करने का हमारा निर्णय था.
सड़क निर्माण विभाग के एसीएस का बयान
सड़क निर्माण विभाग के एसीएस प्रत्यय अमृत ने कहा, हम पहले क्लीयर थे कि इस ब्रिज को नए सिरे बनाने में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. IIT रुड़की की एक रिपोर्ट आ गई है इस मामले में पूरी रिपोर्ट आ जाएगी. इस कार्य के लिए संवेदक के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि, पिछले साल भी इसी पुल का यही हिस्सा गिरा था. अभी पुल पर गाड़ी भी नहीं चली, अगर गाड़ी चलेगी तो क्या होगा पता नहीं. हमें लगता है कि उससे पहले ही सब टूट जाएगा. हम इसकी जांच चाहते हैं. यह बात दिल्ली तक जानी चाहिए.
2014 में नीतीश कुमार ने रखी थी नींव
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 में इस पुल की नींव रखी थी. इस पुल को मार्च 2020 तक पूरा होने का अनुमान था. इस पुल को बनने में तीन की देरी हो चुकी है. अब यह भरभरा का नदीं में समा गया. इस निर्माणाधीन पुल की गिरने की यह दूसरी घटना है. इससे पहले अप्रैल 2022 में इसके पिलर नंबर 4, 5 और 6 ढह गए
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