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कर्नाटक में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखा जा रहा है. दूसरी ओर, जेडी, जो राज्य की एकमात्र प्रमुख पार्टी है, के किंगमेकर के रूप में उभरने की संभावना है. इस राज्य में हर 5 साल में सत्ता बदलने की परंपरा है. यही वजह थी कि बीजेपी की सत्ता को बनाए रखने के लिए पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा ने यहां कई रैलियां कीं. पीएम मोदी करीब डेढ़ दर्जन जनसभाएं कर चुके हैं.
प्रचार की कमान संभाली
वहीं, कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ पार्टी अध्यक्ष खड़गे ने प्रचार की कमान संभाली. यहां राज्य के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार और जद के एचडी कुमारस्वामी सहित कई अन्य बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
जनादेश की स्थिति
राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी राज्य में सत्ता परिवर्तन की 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने की उम्मीद कर रही है. इसके लिए पार्टी मोदी इफेक्ट पर भरोसा कर रही है. वहीं, कांग्रेस भी इस चुनाव को जीतना चाहती है ताकि वह इसका इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने में कर सके. यहां यह भी देखना होगा कि त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में क्या पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडीएस के पास सरकार गठन की चाबी होगी.
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