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भूपेंन्द्र सिंह हुड्ड की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात करना कुमारी शैलजा को अच्छी नहीं लगी, कुमारी शैलजा ने हरियाणा के कांग्रेस पार्टी के प्रभारी विवेक बंसल को पत्र लिखा है. उस पत्र में शैलजा ने लिखा है कि, हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी होनी चाहिए. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चौहान और आनंद शर्मा ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात क्यों की है.
हरियाणा राज्य के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ कुमारी शैलाजा ने पार्टी की आलाकमान से शिकायत की है. बता दें कि गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद हुड्डा ने उनसे मुलाकात की थी, कुमारी शैलजा ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी से यह शिकायत की. पत्र में शैलजा ने लिखा है कि हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए.
भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात शैलजा को अच्छी नहीं लगी, इसलिए शैलजा ने हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल को पत्र लिखा है. आपको बता दें कि , ये सभी लीडर जी-23 गुट के हिस्सा भी हैं. गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पर हमलावर हैं. और लगातार पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगा रहें है. वहीं कांग्रेस ने भी गुलाम नबी आजाद पर बाजेपी से मिले होने का आरोप लगाया है.
5 पन्नों का भेजा था, इस्तीफा
कांग्रेस पार्टी से पांच दशकों से जुड़े वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होनें सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा था. जिसमे पार्टी के ऐसे हालात के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं राहुल गांधी के ऊपर भी कई गंभीर आरोप लगाए थे.
लंबे समय से नाराज चल रहे थे, आजाद
गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, आजाद अपने कालेज के टाइम से कांग्रेस से जुड़े थे,लेकिन कुछ समय से गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे. वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे. जी-23 कांग्रेस में लगातार बदलाव की मांग कर रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें सपा ने राज्यसभा सांसद बना दिया है. आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्हें अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया, अभियान समिति का अध्यक्ष बनने के कुछ ही घंटों बाद आजाद ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे. अक्सर देखा गया है, कि कई मुद्दों को लेकर आजाद और कांग्रेस के बीच मतभेद आते रहे हैं.
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