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हर साल माघ के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती माता की पूजा की जाती है और इस दिन को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के तौर पर मनाया जाता है इस बार भी वसंत पंचमी 13 फरवरी को शुरू हो रही है और 14 फरवरी तक है।
कई बार ऐसा होता है कि लोग वसंत पंचमी की तारीख को लेकर कंफ्यूज रहते हैं इसलिए यहां पर आपको वसंत पंचमी की तारीख और माता सरस्वती की पूजा विधि बताई गई है।
वसंत पंचमी की तारीख और
शुभ मुहूर्त :
वसंत पंचमी 13 फरवरी से 14 फरवरी दोपहर 12:00 बजे तक मनाया जाएगा। इस तरह से उदया तिथि के हिसाब से इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को पड़ रहा है।
इसके अलावा वसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7:01 से लेकर दोपहर 12:33 तक रहेगा। आप इस समय माता सरस्वती की पूजा कर सकते हैं।
क्या है बसंत पंचमी का महत्व और पूजा विधि :
बहुत से लोग बसंत पंचमी के महत्व को शुभ मानते हैं जोकी होता भी है विद्यार्थियों और संगीत प्रेमियों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है इतना ही नहीं इस दिन विद्यार्थी किताबें और संगीतकार वाद्य यंत्रों की पूजा करते हैं!
किसी भी नए काम की शुरुआत करने से पहले यह दिन शुभ माना जाता है इस दिन सुबह-सुबह स्नान करने के बाद माता सरस्वती की पूजा की जाती है घी का दिया दिखाया जाता है मां सरस्वती को भोग लगाया जाता है।
पहनना चाहिए पीले रंग के वस्त्र :
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग की चीजों को अहमियत दी जाती है। मां सरस्वती की पूजा करते समय लोग पीले वस्त्र पहनते हैं इसके अलावा पूजा में पीले फूल, पीले चावल और अन्य भोग भी अर्पित किए जाते हैं।
जैसे ही वसंत पंचमी आती है ठंड का असर भी कम देखा जाता है और मौसम अच्छा हो जाता है पेड़ पौधे में नई पत्तियां आ जाती हैं। आपको बता दे की खेतों में सरसों की फसल लहराने लगते हैं खेतों में सरसों के पीले पीले फूल देखकर ऐसा लगता है कि प्रकृति ने श्रृंगार किया हुआ है।
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