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आसाराम बापू: आस्था के साम्राज्य से जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे एक धर्मगुरु की दास्तां!

आसाराम ने अपनी उम्र और 2013 से वो सलाखों के पीछे है इसको आधार मानते हुए जमानत याचिका दर्ज की जिसे स्वाकार कर लिया गया। यहां आइए जानते हैं कैसे जेल के पंजीरे में बंद हुआ आसाराम।

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By Deepakshi | खबरें - 24 November 2020

यौन शोषण के आरोप मेंं जेल की हवा खाने वाले आसाराम ने 80 साल की उम्र और 2013 से सलाखों के पीछे होने के आधार पर जमानत याचिका दायर की थी। आसाराम की इस याचिका अर्जी पर जोधपुर कोर्ट अगले साल के पहले महीने के तीसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा। आसाराम की अर्जी को जस्टिस रामेश्वरलाल व्यास और संदीप मेहता की खंडपीठ ने स्वीकारा था। आसाराम का कहना है कि वो 2013 से जेल में बंद है। 80 साल के बुजुर्ग है। वरिष्ठ जज प्रदीप चौधरी और अधिवक्ता जगमाल ने आसाराम की अर्जी पेश करने का काम किया था। लेकिन आइए यहां जानते हैं कि कैसे लोगों के सिर आंखों पर बैठने वाला आसाराम सलाखों के पीछे हैं- 

- आसाराम का जन्म अप्रैल 1941 में पड़ोसी देश पाकिस्तान के सिंध इलाके के एक बेरानी गांव में हुआ था।

- आसाराम का असली नाम असुमल हरपलानी था। 1947 के विभाजन के बाद उनका पूरा परिवार भारत के अहमदाबाद आ गया था।

- 60 के दशक के वक्त लीलाशाह को बनाया अपना गुरु। लीलाशाह ने असुमल का नाम आसाराम रखा था।

- 1972 मेंं पहली बार साबरमती नदी के पास बनाई थी अपनी कुटिया।

- इसके बाद आसाराम का आध्यात्मिक चीजों से जुड़ा प्रोजेक्ट देश के कई कोनों में फैलने लगा।

- प्रवचन के बाद मुफ्त खाना देने के चक्कर में आसाराम से जुड़े लोग।

- आसाराम की संपत्ति के बात करें तो वो 10 हजार करोड़ रुपये है।

- आसाराम की संपत्ति की जांच पड़ताल करती हुई ईडी और कर विभाग करता हुआ दिखा।

क्या है जोधपुर केस?

- 15 अगस्त 2013 के वक्त एक नाबालिग लड़की ने जोधपुर के पास बनाई आश्रम में आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था।

- 20 अगस्त 2013 को पीड़ित के परिवार की ओर से मामला दर्ज कराया था, जिसे जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया।

- 31 अगस्त 2013 को मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार हुआ आसाराम।

- आसाराम पर पोस्को और जुवेनाइल एक्ट के तहत 6 नवंबर 2013 के तहत केस दर्ज हुआ था।

- इसके बाद 7 फरवरी 2014  आसाराम पर जोधपुर कोर्ट ने बलात्कार, आपराधिक षड्यंत्र और बाकी दूसरे कई मामलों के तहत केस दर्ज किया।

- आसाराम की याचिका 19 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।

- 13 फरवरी 2015 के दिन जोधपुर कोर्ट परिसर में चश्मदीद गवाह पर  हमला किया गया।

- 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को दो षी करार दिया।

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