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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. अभी हाल ही में पाकिस्तान के 11 सैनिकों की हत्या हो गई. इस हत्या का आरोप तालिबाने के लड़ाकों पर लगा. मंगलवार को हुए नरसंहार में तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के 11 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया और चार पाकिस्तानी सैनिकों को अगवा कर लिया. यह घटना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की है. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के बलूच रेजीमेंट के एक कैप्टन, अब्दुल बासित सहित 11 सैनिक मारे गए.
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के लिए मुश्किल भरा समय है. पाकिस्तान की थल-स्कॉउट की जिस पैट्रोलिंग-पार्टी पर हमला हुआ है, उसने तालिबान के कुछ लड़ाकों को गिरफ्तार कर लिया था और एक लड़ाके को गोली मार दी थी. इससे गुस्साएं तालिबान ने थल स्कॉउट्स के 11 सैनिकों की हत्या कर दी.
आपको बता दें कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान को छोड़ने के बाद से पाकिस्तान को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत, जिसे पहले नार्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस यानी एनडब्लूएफपी के नाम से जाना जाता था, में खासी दिक्कत आ रही है. ये प्रांत अफगानिस्तान की डूरंड लाइन से सटा इलाका है. अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से लौटने और तालिबान के बढ़ते वर्चस्व से केपीके प्रांत में शरणार्थियों का तांता लग गया है. इसके अलावा यहां सक्रिय कबीले, कट्टरपंथी और आतंकी संगठन (टीटीपी, हक्कानी नेटवर्क इत्यादि) एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं.
इस घटना के बाद पाकिस्तान में कोहराम मच गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए मुश्किल भरा समय है. वो इस वक्त समझ ही नहीं पा रहे हैं कि तालिबानी लड़ाके किसके कहने पर हमला कर रहे हैं. ये चिंता का विषय भी बना हुआ है.
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