Hindi English
Login

जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में भी घरों में आईं दरारें, भेजा गया घर खाली करने का नोटिस

कर्णप्रयाग में राजनगर, गांधीनगर, आइटीआइ, बहुगुणानगर और अपर बाजार रामलीला मैदान से मस्जिद परिसर तक भूधंसाव का खतरा मंडरा रहा है. वहीं 60 के करीब घरों में दरारें भी आ गई हैं. ऐसे में जोशीमठ वासियों की स्थिति देखकर कर्णप्रयाग में भी शहरवासियों की चिंता बढ

Advertisement
Instafeed.org

By विपिन यादव | खबरें - 13 January 2023

 उत्तराखंड की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. यहां जोशीमठ के तमाम घरों में आईं दरारें के बाद चमोली जिले का कर्णप्रयाग भी घरों में दरा आने का सिलसिला शुरु हो गया हैं. यहां आठ घरों की हालत खतरनाक बनी हुई है. जिसे देखते हुए इन घरों में रहने वाले आठ परिवारों को घर खाली करने की नोटिस दिया गया है. 

60 घरों में आई दरारें 

कर्णप्रयाग में राजनगर, गांधीनगर,  आइटीआइ, बहुगुणानगर और  अपर बाजार रामलीला मैदान से मस्जिद परिसर तक भूधंसाव का खतरा मंडरा रहा है. वहीं 60 के करीब घरों में दरारें भी आ गई हैं.  ऐसे में जोशीमठ वासियों की स्थिति देखकर कर्णप्रयाग में भी शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है. 14 हजार की आबादी वाले कर्णप्रयाग के स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि वर्ष 2012 में मंडी समिति के भवन निर्माण के दौरान जेसीबी मशीनों से खोदाई की गई. उसी समय से नगर में भूधंसाव शुरू हो गया और लगातार मकानों में दरारें बढ़ने लगी.

घरों का किया गया निरीक्षण

इसके बाद कई लोगों ने किराये के भवनों में रहना शुरू कर दिया. वहीं शहर में निकासी नालियों की व्यवस्था न होने से जरा सी बारिश होने पर पानी का रुख आबादी की ओर होने से भूधंसाव का खतरा बना रहता है. आवासीय भवनों के निरीक्षण को पहुंचे तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि भूधंसाव की जद में आए 24 से अधिक भवनों का सर्वे किया गया है. इनमें आठ आवासीय भवन रहने लायक नहीं पाए गए. ऐसे में इन परिवारों को नगर पालिका के रैन-बसेरे में शिफ्ट किया जाएगा.

घरों को तोड़ा नहीं बल्कि खाली कराया जा रहा है, धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  जोशीमठ पर कहा कि जो भी क्षेत्र प्रभावित हैं वहां से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. अंतरिम राहत के रूप में डेढ़ लाख रुपए की सहायता देना कल से प्रारंभ कर दिया गया है. अभी किसी के घर को तोड़ा नहीं जा रहा है बल्कि केवल घर खाली कराया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि वहां पर सर्वे करने वाली टीम काम कर रही है. वहां 60% से अधिक चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं. हम पुनर्वास की कार्रवाई पूरी तैयारी के साथ कर रहे हैं.

प्रशासन द्वारा मलारी इन होटल के निराकरण का कार्य शुरू हुआ 

CBRI के मुख्य वैज्ञानिक ने डीपी कानूनगो कहा, "हम जल्द से जल्द इसे ध्वस्त करने का काम करेंगे. हमने प्रशिक्षित लोगों को काम पर लगाया है। हम यहां यांत्रिक निराकरण तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं" उन्होंने कहा कि एक एक चीज को अलग कर के निकाला जाएगा. हम यहां किसी प्रकार के भारी कंपन वाले मशीन का प्रयोग नहीं करेंगे. हमे जमीन को बचाना है. हम कोशिश करेंगे की जमीन के अंदर कम से कम कंपन जाए या ना जाए.

भौगोलिक संरचना का अध्ययन करेगा रुड़की आइआइटी

रुड़की आइआइटी के भूविज्ञानियों की टीम बदरीनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव कर्णप्रयाग में बहुगुणानगर से आइटीआइ तक भूधंसाव वाले क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना का अध्ययन करेगी. नगर क्षेत्र में 60 से अधिक मकान भूधंसाव की जद में हैं, जबकि आठ मकान रहने लायक नहीं बचे. हालांकि इससे पहले भी रुड़की आइआइटी के भूविज्ञानियों ने नगर क्षेत्र का अध्ययन कर मृदा परीक्षण समेत अन्य अध्ययन की जरूरत बताई थी.

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.