Hindi English
Login

तालिबान से जंग करेंगे अफगानी,रिटायर्ड सैनिक समेत अफगानिस्तानी जनता ने मोर्चा संभाला

मुल्क के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर जनता ने तालिबान का विरोध करना शुरू कर दिया है.

Advertisement
Instafeed.org

By Mrigendra | खबरें - 20 August 2021

तालिबान के क्रूरता के वजह से अफगानिस्तानी लोगों का खून खौल रहा है, कई जगहों पर तालिबानियों से बगावत भी शुरू हो गई है. आपको बता दें की अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी शासन (Talibani Rule) की शुरुआत होने के बाद से ही आम जनता परेशान है.  मुल्क के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर जनता ने तालिबान का विरोध करना शुरू कर दिया है. इस बीच अफगानिस्तान के पंजशीर इलाकों में तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए पूर्व सैनिकों ने मोर्चा संभालना शुरू कर दिया है. इन सभी की अगुवाई अहमद मसूद कर रहे हैं, जो कि तालिबानियों को मात दे चुके अहमद शाह मसूद के बेटे हैं.

मुल्क के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर जनता ने तालिबान का विरोध करना शुरू कर दिया है. इस बीच अफगानिस्तान के पंजशीर इलाकों में तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए पूर्व सैनिकों ने मोर्चा संभालना शुरू कर दिया है. इन सभी की अगुवाई अहमद मसूद कर रहे हैं, जो कि तालिबानियों को मात दे चुके अहमद शाह मसूद के बेटे हैं.


 'अमेरिका हथियार दे, हम लड़ाई करेंगे'


अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने वाशिंगटन पोस्ट में एक लेख लिखा है जिसमें उन्होंने तालिबान के खिलाफ लड़ाई को जोर देने की बात की है. अहमद मसूद का कहना है कि पंजशीर इलाके में उनके साथ हजारों मुजाहिद्दीन के लड़ाके हैं, जो तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं.

अहमद मसूद का कहना है कि अमेरिका भले ही अफगानिस्तान से चला गया हो, लेकिन वो हमें हथियार और अन्य मदद कर सकता है ताकि हम तालिबान को मात दे सकें. अन्य विदेशी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अफगानिस्तानी सेना के कई मौजूदा और पूर्व सैनिक भी पंजशीर में अहमद मसूद के साथ हैं.

दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि अफगानी सेना के कई सैनिकों ने तालिबान के सामने सरेंडर किया और उनके साथ हो गए. ऐसे में जो सैनिक तालिबान को मात देना चाहते थे, उनमें भारी नाराज़गी है इसी के बाद उन्होंने पंजशीर में मुजाहिद्दीन अहमद मसूद के साथ हाथ मिलाना तय किया.

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.