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राष्ट्रपति अशरफ गनी जो अफगानिस्तान को छोड़ कर भाग गए थे, उनके ठिकाने का पता चल गया है. वह अबू धाबी में है. संयुक्त अरब अमीरात यानि यूएई ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है, इस बात का खुलासा खुद यूएई ने किया है.
गनी के ठिकाने का खुलासा होने के थोड़ी देर बाद ही गनी ने अफगानिस्तान के लोगो के नाम संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर में काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता. अफगानिस्तान के सुरक्षा कारणों कि वजह से ही मुझे वहा से दूर भेजा गया. जो लोग मुझे नहीं जानते है वो इस बात पर कोई टिपण्णी ना दे और जो लोग मुझे भगोड़ा कह रहे है उन्हें पूरी बात जान लेनी चाहिए.
उन्होंने यह भी बताया कि तालिबान से बातचीत करने कि कोशिश कि गई थी लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. में शांति से अपनी सत्ता सौपना चाहता था. अफगानिस्तान छोड़ कर मैंने अपने मुल्क के लोगो को एक खुनी जंग से बचाया है. मैं अपने सेना और सुरक्षा बालो का शुक्रिया अदा करता हूं. मुझे मेरी इच्छा के खिलाफ देश से बहार भेजा गया था और यह फैसला मैंने सुरक्षा अधिकारियो की सलाह के बाद ही लिया था, क्योंकि मेरी मौजूदगी से अफगानिस्तान मैं कोई अनहोनी हो सकती थी.
पैसे ले जाने की सूचना
अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़ने के बात कई तरह की अफ़वाए सामने आई थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने कहा कि गनी अपने साथ चार कार,हेलिकॉप्टर और काफी पैसा लेकर भाग गए है. इन सब बातों कि पुष्टि अभी तक नहीं हुई है.
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