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अमेरिका फर्म हिंडन बर्ग कि रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपो को गलत बताया है. अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगशिंदर सिंह ने बिजनेस टुडे टेलीविजन से बातचीत में बताया कि हिंडनबर्ग से सवाल किया जाना चाहिए कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह से पूछे गए सवालों को गलत तरीके से क्यों प्रस्तुत किया.
रिपोर्ट को रिसर्च करके नहीं लिखा गया
शनिवार को निवेशकों को जारी की गई 413 पन्नों की रिपोर्ट के बाद इंटरव्यू में अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी 88 सवालों के जवाब दिए. सिंह ने कहा- 'सभी 88 सवालों का जवाब दिया गया है और भले ही हमने सभी 88 सवालों के जवाब नहीं दिए हों. उन्होंने हमारे खुलासों का इस्तेमाल किया और कोई रिसर्च नहीं किया, बल्कि कट-कॉपी और पेस्ट किया है और रिपोर्ट एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के लिए थी. जुगशिंदर सिंह ने कहा कि यह और भी बुरा हो सकता है कि उन्होंने शोध किया और जानबूझकर जनता को गुमराह किया. आपको उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने 68 सवालों को 68 सवालों को गलत तरीके से पेश क्यों किया.
अडानी समूह में कुछ भी गलत नहीं मिला
CFO ने कहा कि यहां तक कि हिंडनबर्ग की झूठ और गलत बयान पर आधारित फर्जी रिपोर्ट में भी अडानी समूह के कारोबार में कुछ गलत नहीं मिला. उन्होंने कहा, 'यहां तक कि उस रिपोर्ट में भी हमारे फंडामेंटल बिजनेस में कुछ भी नहीं मिला है.' बाकी के 20 सवालों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि ये ऐसे सवाल थे कि अडानी समूह आलोचना को स्वीकार क्यों नहीं करता. उन्होंने कहा कि हम करते हैं, लेकिन हम झूठ को स्वीकार नहीं करते हैं. फिर किसी के निजी पारिवारिक ऑफिस पर प्रश्न होते हैं, तो हम उनका उत्तर नहीं दे सकते. सिंह ने कहा कि हम सभी जवाब दे सकते थे.'
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का दावा
पिछले हफ्ते हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया था कि अडानी ग्रुप दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी की प्लानिंग में जुटा है. फर्म ने रिपोर्ट में दावा किया था कि उसने समूह के पूर्व और वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की है, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा की है और लगभग आधा दर्जन देशों में उद्योग साइट का दौरा किया है.
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