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AAP के MCD मेयर-डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवारों ने आज किया नामांकन

दिल्ली एमसीडी पहले तीन भागों में बंटी हुई थी. अब दिल्ली एमसीडी एक ही है. दिल्ली एमसीडी के 5 वर्षों में पहला साल मेयर के लिए महिला पार्षद के लिए आरक्षित है, तो वहीं तीसरा साल अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के पार्षद के लिए आरक्षित है. बाकी 3 साल मेयर का प

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By विपिन यादव | खबरें - 26 December 2022

आम आदमी पार्टी से दिल्ली एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए आज उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल किया है. वहीं स्टैंडिंग कमेटी के चार सदस्यों ने भी नामांकन दाखिल किया. आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद के लिए डॉ.शैली ओबरॉय, डिप्टी मेयर के लिए आले इकबाल और  स्टैंडिंग कमेटी के लिए आमिल मालिक, रामिंन्द्र कौल, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी ने नामांकन भरा.

बता दें कि छह जनवरी को होने वाली दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक में इन पदों पर चुनाव होगा. निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में आम आदमी पार्टी की तरफ से एमसीडी मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबरॉय और डिप्टी मेयर पर के उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल ने नामांकन दाखिल किया. मेयर और डिप्टी मेयर पद के नामांकन के दौरान आप नेता सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, आदिल खान मौजूद रहे. बता दें, मेयर और डिप्टी मेयर पद के नामांकन की आखिरी तारीख 27 दिसंबर है. 

6 जनवरी को होगा मेयर का चुनाव

दिल्ली नगर निगम एक्ट के हिसाब से हर साल अप्रैल में पहली बैठक में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होता है. सदन की पहली बैठक के बाद मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है। पहले नामांकन प्रक्रिया होती है और उसके बाद पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं. आपको बता दें कि इस बार दिल्ली के मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होगा। उसमें सभी पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी और 6 जनवरी को ही डिप्टी मेयर भी चुना जायेगा.

हर साल होता है मेयर का चुनाव 

दिल्ली में मेयर का चुनाव सीधे तौर पर नहीं होता है. चुनाव जीतकर आए पार्षद ही मेयर चुनते हैं. एमसीडी  में जो भी पार्टी जीत कर आती है उसका कार्यकाल 5 साल के लिए होता है. मगर एक ही व्यक्ति 5 साल तक मेयर नहीं रह सकता. दिल्ली में मेयर का कार्यकाल एक साल के लिए होता है. एमसीडी में हर साल पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं. 

दिल्ली एमसीडी पहले तीन भागों में बंटी हुई थी. अब दिल्ली एमसीडी एक ही है. दिल्ली एमसीडी के 5 वर्षों में पहला साल मेयर के लिए महिला पार्षद के लिए आरक्षित है, तो वहीं तीसरा साल अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के पार्षद के लिए आरक्षित है. बाकी 3 साल मेयर का पद अनारक्षित होता है.


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