Hindi English
Login

डॉक्टर भैया: कुवैत का एक ऐसा डॉक्टर जिसका दिल हिन्दुस्तान के लिए धड़कता है

आज डॉक्टर्स डे है. ये दिन बेहद ख़ास है, इसकी सबसे बड़ी वजह आज का दिन हमारे ़डॉक्टरों के लिए समर्पित है.

Advertisement
Instafeed.org

By Bikram Singh | खबरें - 01 July 2021

आज डॉक्टर्स डे है. ये दिन बेहद ख़ास है, इसकी सबसे बड़ी वजह आज का दिन हमारे ़डॉक्टरों के लिए समर्पित है. ये वो डॉक्टर्स हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर हमारी रक्षा करते हैं. हमें जीवनदान देते हैं. कोरोना काल में हमने देखा कि डॉक्टर्स हमारे लिए कैसे खड़े हैं. एक भगवान की तरह हमारा ध्यान रखते हैं. यूं तो सभी डॉक्टर्स हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, मगर आज हम आपको एक ऐसे ही ख़ास डॉक्टर से मिलवाने जा रहे हैं, जो लीक से हटकर काम कर रहे हैं. दुनिया इन्हें डॉक्टर भैया के नाम से जानती है.

कौन हैं डॉक्टर भैया

डॉक्टर भैया का असली नाम डॉ. सुमंत मिश्रा है. ये प्रवासी बिहारी हैं, बिहार के छपरा में इनका पुश्तैनी मकान है. वर्तामान में ये यूपी के नोएडा अपनी फैमिली के साथ रहते हैं. फिलहाल डॉक्टर भैया कुवैत सरकार के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर के रूप में कार्यरत हैं. डॉक्टर भैया विश्व को अपना परिवार मानते हैं. देश सेवा को अपना धर्म मानते हैं. आइए इनकी कहानी को विस्तार से समझते हैं.

डॉक्टर भैया भले ही कुवैत में रहते हैं, मगर इनका दिल भारत के लिए धड़कता है. पिछले 10 साल से मानव सेवा में लगे हुए हैं. वर्तमान में ये देश में हेल्थ एजुकेशन पर काम कर रहे हैं. कोरोना के कारण लोगों की ज़िंदगियां तबाह हुई है, ऐसे में डॉक्टर भैया ने ठान लिया है कि अब हेल्थ एजुकेशन के जरिए ही देशवासियों को आगामी खतरे से बचाया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने शुरुआती तौर पर बिहार के गया जिले के लोहोनीपुर गांव को गोद लिया है.

यह गांव लोहानीपुर गया मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर है. यहां की आबादी क़रीब 1000 है. यह डिहुरा पंचायत में पड़ता है. डॉक्टर भैया कुवैत स्वास्थ्य मंत्रालय में तैनात हैं और उन्होंने लोहानी पुर गांव के लोगों को जागरूक करने और उनके सहयोग गांव के विकास को तेज करने की बात कही है. डॉक्टर भैया गांव में डिजिटल एजुकेशन, स्वास्थ जागरुकता पर काम कर रहे हैं.

गांव में डिजिटल स्कूल खुलेगा- डिजिटल स्कूल के जरिए बच्चों को डिजिटल एजुकेशन के बारे में बताया जाएगा.

टेलीमेडिसिन के जरिए होगा इलाज- डॉक्टर भैया अपने प्रयास से टेलीमेडिसिन लगवाएंगे ताकि देश और दुनिया के डॉक्टर आसानी से जुड़ सके.


ग्रामीणों को उम्मीद है कि डॉक्टर भैया के गोद लेने के बाद इस गांव के सभी लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और जीविकोपार्जन के प्रति जागरुक किया जाएगा. बच्चों के लिए किड्स स्टडी सेंटर खोला जाएगा. कॉलेज छात्रों के लिए डिजिटल स्टडी सेंटर खोला जाएगा. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. कहा जाए तो लोहानीपुर गांव को देश में एक विशेष तरह का मॉडल गांव बनाया जाएगा.

डॉक्टर भैया देश के लिए उम्मीद हैं. अभी देखा जाए तो स्वास्थ्य के मामले में हमारा देश काफी पिछड़ा हुआ है. हम हर स्तर से पीछे हैं, ऐसे में डॉक्टर भैया की सोच देश के लिए बेहद जरूरी है. महात्मा गांधी का मानना है कि देश का विकास तभी हो सकता है, जब किसी गांव का विकास हो. हमारा हिन्दुस्तान गांव में ही बसता है. ऐसे में डॉक्टर भैया ने शानदार पहल की है. इस पहल के लिए वो बधाई के पात्र हैं. अगर एक मॉडल अच्छे से बन गया तो पूरे देश में ऐसा मॉडल लागू किया जाएगा. 


डॉक्टर भैया अपनी कोशिश को बिहार से कर रहे हैं, मगर इसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ रहा है. आज कई डॉक्टर्स और अधिकारी डॉक्टर भैया के इस मुहिम से जुड़े हुए हैं. सभी लोग साथ मिलकर देश की सेवा कर रहे हैं.

पर्यावरण पर भी ध्यान दे रहे हैं डॉक्टर भैया

डॉक्टर भैया का मानना है कि पर्यावरण के जरिए हम मानवता को बचा सकते हैं. पर्यावरण के कारण ही हम ज़िंदा भी हैं. ऐसे में हमारा प्रयास है कि वृक्षारोपण ज्यादा से ज्यादा हो. इससे पृथ्वी पर ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. इस बार डॉक्टर भैया ने करीब 200 पौधे लगाए हैं, जो फलदार होने के साथ-साथ ऑक्सीजन भी ज्यादा विसर्जित करता है.

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.