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राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सियासी खींचतान जारी है. गहलोत समर्थक विधायकों की पार्टी प्रभारी अजय माकन के साथ देर रात वार्ता विफल हो गई है. गहलोत समर्थक करीब 92 विधायकों ने देर रात विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी के निर्देशों के बाद अजय माकन ने रात को गहलोत समर्थक नेता महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, धर्मेद्र राठौड़ और महेश जोशी से वार्ता की. लेकिन इस बात का कोई हल नहीं निकला. गहलोत कैंप के विधायकों ने स्पष्ट रुप से कह दिया है कि हमें मुख्यमंत्री के रुप सचिन पायलट मंजूर नहीं हैं. इस वार्ता के बाद अजय माकन ने कहा कि, अब विधायक दल की बैठक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही बुलाई जाएगी. बताया जा रहा है कि, सोनिया गांधी ने पर्यवेक्षकों से एक-एक विधायकों से बात करने को कहा था.
राहुल गांधी के लिए जान दे सकते हैं, पायलट मंजूर नहीं
अजय माकन से वार्ता के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, राहुल गांधी के लिए जान दे सकते हैं. मगर हमें सचिन पायलट मंजूर नहीं हैं. खाचरियावास ने आगे कहा कि सीएम का चुनाव विधायकों के मंजूरी से होगा. जिन 102 विधायकों ने सरकार बचाई उनमें से कोई भी सीएम बने हमें मंजूर होगा. खाचारियावास ने दावा करते हुए कहा कि 92 विधायक हमारे साथ हैं. इसके बाद गहलोत कैंप के विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाने का खुलकर विरोध किया. इससे पहले रविवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर गहलोत कैंप के विधायकों की बैठक हुई. बैठक के बाद सभी विधायक स्पीकर सीपी जोशी के आवास पर पहुंचे और अपने इस्तीफे सौंप दिए.
एक लाइन का प्रस्ताव नहीं मानेंगे
बता दें सीएम गहलोत ने कहा कि पार्टी आलाकमान का एक लाइन का प्रस्ताव आएगा, जिसे मानना होगा. इस मामले में मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचारियावास, शांति धारीवाल और संयम लोढ़ा ने साफ कर दिया कि, वे एक लाइन के प्रस्ताव को मामने के लिए तैयार नहीं हैं.
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