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सरकार का नारा है बेटी "बटी बचाओ बेटी पढ़ाओ". झारखंड के बोकारो जिले के अत्यंत पिछड़े गांव गोमिया के गरीब लोगों ने इसी आशा के साथ अपनी बेटियों को पढ़ाया. इनमें 30 बेटियां नौकरी और रोजगार के लिए तमिलनाडु गईं लेकिन अब वहां वो फंस गई हैं. ये सभी लड़कियां अपने-अपने घर वापस आना चाह रहीं हैं. लेकिन वापस नहीं आ पा रही हैं. जिसके बाद लड़कियों के परिजन शासन और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. इस मामले में पूर्व विधायक योगेन्द्र प्रसाद ने भी बेटियों को सकुशल घर वापसी की मांग उठाई है.
रोजगार के लिए तमिलनाडु गई थी बेटियां
इन 30 बच्चियों ने तेनुघाट स्थित आईटीआई भवन में दीनदयाल उपाध्याय कौशल मेगा स्किल सेंटर के बैनर तले चल रहे विनायक फाउंडेशन रिसर्च एंड एजुकेशन सोसायटी प्रशिक्षण केंन्द्र में ट्रेनिंग की. इसके बाद उन्हें तमिलनाडु भेजा गया था.
बच्चियों से फोन पर नहीं हो रहा है बात
बच्चियों को पिछले कुछ दिनों से अपने परिवार वालों से भी बात नहीं करने दिया जा रहा. लड़कियों के मोबाइल छीन लिए गए हैं. वहीं परिवार वाले इस बात को लेकर काफी परेशान हैं कि उनकी बेटियां तमिलनाडु में अब किस हालत में हैं. कोई खबर नहीं मिल पा रही है. बेटियों की घर वापसी को लेकर प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारियों से बात की गई, परन्तु इस पर अधिकारियों ने पहल करने की बात कही लेकिन परिजन उनकी बातों पर भरोसा नहीं कर पा रहे.
पूर्व विधायक ने की जांच की मांग
लड़कियों के अभिभावकों ने गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद से गुहार लगाते हुए कहा कि वे सभी लोग गरीब तबके से हैं.परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरे इसी चाह में वे सब अपनी बेटियों को उस प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग के लिए भेजा था. मामला संज्ञान में आते ही पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने तेनुघाट स्थित उस प्रशिक्षण केंद्र पहुंचे. वहां के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए सभी लड़कियों को जल्द सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित कराने को कहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले पर उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी.
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