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रिपब्लिक टीवी के मालिक और जाने-माने पत्रकार अर्नब गोस्वामी को हर कोई जनता है। बहुत से लोग उन्हें पसंद करते हैं तो कई लोग नापसन्द भी करते हैं।अपने तीखे और तल्ख़ स्वभाव के कारण ये हमेशा सुर्ख़ियों में बने रहते हैं या यूं कहें कि इनका विवादों से गहरा नाता है। पत्रकारिता में एक अच्छा नाम कमाने वाले अर्नब गोस्वामी कई लोगों के प्रेरणा श्रोत भी हैं। जो लोग इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं वो लोग उन जैसा बनना चाहते हैं उनसे जुडी हर खास बात जानना चाहते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं अर्णव के जीवन से जुडी कुछ खास बातें। आपको बता दें अर्नब का जन्म 9 अक्टूबर 1973 में आसाम के गुहाटी में हुआ था।
कलकत्ता से किया करियर शुरू
बहुत कम लोग जानते हैं कि अर्नव ने अपने करियर की शुरुवात कलकत्ता के 'द टेलीग्राफ’ से पत्रकार के रूप में की थी। वहां पर उन्होंने 1 साल से भी कम समय काम किया था। उसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर एनडीटीवी को जॉइन कर लिया था। डी डी मेट्रो चैनल में भी किया था उन्होंने काम।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से किया मास्टर्स
अर्नव ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से समाजशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की डिग्री ली है। उसके बाद वर्ष 1994 में उन्होंने सेंट एंटनी कॉलेज ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से सोशल एंथ्रोपोलॉजी में मास्टर्स पूरा किया, आपको बता दें कि वे फेलिक्स स्कॉलर थे।
कई अवॉर्ड्स से हुए सम्मनित
2003 में मिला एशियन टेलीविज़न अवॉर्ड, 2007 में मिला सोसाइटी यंग अचीवर अवॉर्ड, इसके अलावा 2010 में एक्सेलेंस जर्नलिज्म के लिए भी मिला था अवॉर्ड।
अर्नब को लिखना भी है पसन्द
सन 2002 में अर्नब ने अपनी पुस्तक "कॉम्बेटिंग टेररिज्म: द लीगल चैलेंज" लिखी थी जिसमे उन्होंने जो आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ कानून बनाने की बात की थी।
परिवार का राजनीतिक ताल्लुक
अर्नब गोस्वामी के दादा एक कांग्रेसी नेता थे, जबकि उनके नाना एक कम्युनिस्ट थे। वहीं अर्नव के पिता बीजेपी पार्टी से ताल्लुक रखते थे।
सोनिया गांधी का किया पहला साक्षात्कार
उनका पहला साक्षात्कार सोनिया गांधी के साथ हुआ था और उन्हें सोनिया गांधी को साक्षात्कार के लिए लाने वाले पहले व्यक्ति थे अर्नब। क्योंकि सोनिया गांधी का साक्षात्कार करने से भी बड़ा काम था उनसे संपर्क करना। जो कि अर्नब ने किया।
अर्नब की पत्नी भी हैं पत्रकार
अर्नब गोस्वामी की पत्नी का नाम सम्यब्रत रे है। वह टेलीग्राफ की पत्रकार हैं और इंद्राणी मुखर्जी हत्या के रहस्य पर एक किताब लिख रही हैं।
बनना चाहते थे वकील
अर्नब कभी पत्रकार नहीं बनना चाहते थे। वह हमेशा एक वकील बनना चाहते थे लेकिन ऑक्सफोर्ड में सामाजिक एंथ्रोपोलॉजी पढ़ने के लिए उन्हें फेलिक्स छात्रवृत्ति मिली। इसके बाद उन्होंने अपने लिए ये रास्ता चुन लिया।
अर्नब को मिली है 'Y' श्रेणी की सुरक्षा
अर्नब को 'Y' श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है जो 24 घंटे उनकी रक्षा करते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए लगभग 11 कर्मी और 1 या 2 हथियार के साथ गॉर्डस हमेशा उनके साथ रहते हैं।
बहस करना उनकी हॉबी
अर्नब ने रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बहस यानि डिबेट करना स्कूल के दिनों से ही पसंद है।
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