5 सबसे आम नाखून विकारों के इलाज के लिए टिप्स: भंगुर नाखून, ओन्कोलिसिस, पैरोनिया, सोरायसिस, ऑनिकोमाइकोसिस
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नाखून के रंग और बनावट से आप अपनी सेहत के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं. नाखून के बदलते रंग बताते हैं कि आपका शरीर अंदर ही अंदर किन बीमारियों से जूझ रहा है. अपने नाखूनों पर ध्यान देकर आप किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से बच सकते हैं. आइए जानते हैं कि नाखून से जुड़े किन लक्षणों को आपको नजरअंदाज नहीं कर नहीं करना चाहिए
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण हो तो अपने डॉक्टर से मिलें
मलिनकिरण (गहरी धारियाँ, सफेद धारियाँ, या नाखून के रंग में परिवर्तन)
नाखून के आकार में परिवर्तन (कर्लिंग या क्लबिंग)
नाखून की मोटाई में परिवर्तन (मोटा होना या पतला होना)
नाखून जो भंगुर हो जाते हैं
नाखून जो छिले हुए हैं
नाखूनों के आसपास खून बह रहा है
नाखूनों के आसपास सूजन या लालिमा
नाखून रोग का निदान कैसे किया जाता है?
उनका मूल्यांकन नैदानिक निरीक्षण, डर्मेटोस्कोपी, डायग्नोस्टिक इमेजिंग, माइक्रोबायोलॉजिकल (माइकोलॉजिकल सहित) परीक्षण और हिस्टोपैथोलॉजिकल परीक्षा द्वारा किया जाता है. लगभग 15% की व्यापकता के साथ, कुल आबादी का लगभग 10% onychomycosis से पीड़ित है.
नाखून के 5 रोग कौन से हैं?
5 सबसे आम नाखून विकारों के इलाज के लिए टिप्स: भंगुर नाखून, ओन्कोलिसिस, पैरोनिया, सोरायसिस, ऑनिकोमाइकोसिस
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