Story Content
आजकल की बदलती लाइफस्टाइल का सबसे ज्यादा असर हमारी हेल्थ पर हुआ है। गलत खानपान की वजह से हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों ने जकड़ लिया है। इनमें से एक होता है अल्सर। इसके साथ-साथ कई प्रकार के होते है जैसे कि पेप्टिक अल्सर, माउथ अल्सर, गैस्ट्रिक अल्सर, ड्यूडिनल अल्सर और इसोफेगल अल्सर। चलिए आज हम बात कर करते है गैस्ट्रिक अल्सर यानि पेट का अल्सर की। आपको बता दें कि गैस्ट्रिक अल्सर यानि पेट का अल्सर सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। वही पेट में जमा एसिड गैस्ट्रिक अल्सर होने का प्रमुख कारण हो सकता है। अगर इसका समय रहते इलाज नहीं हो पाता है तो यह आगे चलकर आतों के कैंसर का कारण बन जाता है। ऐसे में हम आपको बताते है कि क्या होता है पेट का अल्सर इसके लक्ष्ण और बचने के उपाय कौन-कौन से हैं।
क्या होता है पेट का अल्सर
शरीर के अंदर छोटी आंत पर छाले या घाव की समस्या के गैस्ट्रिक अल्सर कहा जाता है। यह पेट में अधिक मात्रा में एसिड जमा होने, धूम्रपान या नशीले प्रदार्थों का सेवन, अधिक तनाव लेने और गलत खानपान की वजह से हो सकता है। इसके अलावा हेलिकोबैक्टर पायलोरी नामक जीवाणु का संक्रामण भी पेट में अल्सर होने का एक प्रमुख कारण है।
पेट के अल्सर के कारण
1. दर्द निवारक दवाओं के नियमित सेवन करना पेट के अल्सर का कारण हो सकता है।
2. मसालेदार भोजन, अत्यधिक तनाव, धूम्रपान, शराब के नियमित सेवन से भी पेट में अल्सर हो सकता है।
3. नियमित नींद न लेना भी पेट के अल्सर होने का कारण हो सकता है।
लक्ष्ण
सीने में जलन: गलत खानपान की आदतों की वजह से पेट में एसिड बन जाता है। वही पेट में मौजूद एसिड ऊपर की ओर फूड पाइप में आ जाता है जिससे सीने में जलन होने लगती है।
पेट फूलना: अक्सर लोगों को पेट फूलने की समस्या रहती है। यह पेट में अल्सर होने की निशानी हो सकती है।
उल्टी का होना: बार-बार उल्टी होने पर भी पेट में अल्सर होने का संकेत हो सकता है। इसके अलावा वोमिंटग में बल्ड आना भी इसका मुख्य लक्ष्ण है।
भूख लगना: बार-बार भूख लगना और समय-समय पर भोजन करना पेट के अल्सर होने का लक्ष्ण हो सकता है।
रोकथाम के उपाय
1. हेलिकोबैक्टर पायलोरी बैक्टीरिया भोजन और पानी के माध्यम से और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए खाना खाने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं और अपने भोजन को अच्छी तरह से पकाएं।
2. यदि आप नियमित रूप से दर्द निवारक लेते हैं तो अपने भोजन के साथ दवाएं लेने की कोशिश करें। यह पेट के अल्सर के खतरे को कम करता है।
3. शराब, धुम्रपान का सेवन करने से बचें।
4. नियमित नींद को लें।
Comments
Add a Comment:
No comments available.