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जन्माष्टमी के पवित्र त्योहार को लेकर बेहद ही धूमधाम से पूरे देशभर में तैयारी की जाती है। हर कोई भगवान श्री कृष्ण की पूजा और अर्चना करने में खो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भले ही भगवान श्री कृष्ण द्वापर युग में जन्म लेते ही मामा कंस की कैद से मुक्त हो गए थे। लेकिन कलयुग के अंदर 22 साल से कानपुर देहात के शिवली कोतवाली के मालखाने में भगवान श्री कृष्ण आज भी कैद हैं। केवल उन्हें एक ही दिन के लिए रिहा मिलती है। इतना ही नहीं पुलिस कर्मी मूर्तियों को बाहर निकालते हैं और फिर पूजा करने के बाद वापस कैद में रख देते हैं।
आपको इस बात की हैरानी हो रही होगी कि भगवान श्री कृष्ण के साथ कोई ऐसा कैसे कर सकता है। तो आपको हम इसके पीछे की वजह बताते हैं। दरअसल शिवली कस्बे के एक प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर से 12 मार्च 2002 को श्रीकृष्ण, राधा, बलराम की अष्टधातु की तीन बड़ी मूर्तियां और लड्डू गोपाल व राधा जी की दो छोटी मूर्तियां चोरी हो गई थीं। ऐसे में मंदिर के पुजारी आलोक दत्त ने शिवली कोतवाली में केस दर्ज करवाया था। पुलिस ने एक हफ्ते बाद चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियां ले ली थी। तब से कानूनी दांवपेच में फंसी भगवान की मूर्तियां कोतवाली के मालखाने में बंद हैं, जबिक चोर कुछ दिन बाद ही जमानत पर रिहा हो गए थे।
इस तरह होती है भगवान की पूजा
जब भगवान की मूर्तियों को बाहर निकाला जाता है तो नए कपड़े पहनकर उनकी पूजा की जाती है। मूर्तियों को रिलीज करने के लिए कई बार कोर्ट और कोतवाली में प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन फिर भी मूर्तियों को मंदिर में नहीं स्थापित किया जा सका।
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