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करवा चौथ का व्रत बेहद ही ज्यादा पवित्र और खास पर्व माना जाता है। सुहागन महिलाओं के लिए ये काफी ज्यादा मयाने रखता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। अपने पति की लंबी आयु के लिए वो व्रत पूरे मन से रखती है। लाल जोड़े में सुहागन अपने पति के लिए सजती और सवरती है। आइए हम आपको बताते हैं कि किसने की इसकी शुरुआत, कब का है करवा चौथ का व्रत और पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं को किन चीजों का रखना चाहिए खास ख्याल ताकि ये दिन रहे उनके लिए खास।
किसने की करवा चौथ की शुरुआत?
पौराणिक कथा की माने तो ये व्रत सबसे पहले मां पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा अपने पूरे विश्वास के साथ रखा था। यहीं वजह है कि सभी औरतें अपने पति की लंबी उम्र के साथ-साथ एक सुखमय दांपत्य जीवन की कमान करती है। आज के दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का भी जरूरी माना जाता है।
करवा चौथ के पूर्व की पूजन सामग्री
करवा चौथ का व्रत जो महिलाएं रख रही है उन्हें कुंकम, कच्चा दूध, फुल, शहद, चंदन, अगरबत्ती, शक्कर, मेंहदी, दही, शुद्ध घी, चावल, महावर, सिंदूर, चूड़ी, चुनरी, बिंदी, बिछुआ, मिट्टी का जो टोंटीदार करवा या ढक्कन होता है उसकी, दीपक, रुई, कपूर, शक्कर का बूरा, गेहूं, पानी का लोटा, हल्दी, लकड़ी का आसान, मां गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, आठ पूरियों की अठावरी, छलनी, हलुआ और दक्षिणा के लिए पैसों की जरूरत होती है।
ऐसे करें पूजा
- सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें और अपना व्रत शुरु करें।
- व्रत वाले दिन निर्जला ही रहे।
- पूजा के वक्त मंत्र के जप से अपने व्रत की शुरुआत आप करें।
- इसके बाद घर का जो मंदिर है उसकी दीवार पर गेरु से फलक बनाकर फिर चवालों को पीस ले। घोल से करवा चित्रित करें।
- शाम के वक्त मां पार्वती की मूर्ति की गोद में श्री गणेश को विराजमान कर उन्हें लकड़ी के आसार पर बिठाए।
- बाद में मां पार्वती का सुहाग की सामग्री से श्रृंगार करें।
- इसके बाद शिव और पार्वती की पूजा करें और कोरे करवे में पानी को भूरने के बाद उसकी पूजा करें।
- शाम के वक्त चांद के दर्शन करने के बाद ही आप कुछ खा सकते हैं।
- इस दिन अपने पति, सास-ससुर सभी का इसका दिन हमेशा की तरह आशीर्वाद लें।
भूल कर भी न करें ये तमाम चीजें
- करवा चौथ वाले दिन भूरे या फिर काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- दूध, दही, चावल के साथ-साथ उजला वस्त्र आपको कभी भी दान नहीं करने चाहिए।
- पति के अलावा किसी और पुरुष के बारे में आप अपने मन में ख्याल नहीं लाइए।
- किसी भी दूसरी सुहागन स्त्री को भला-बुरा न कहें।
- सुहागन महिलाएं चूड़ी, बिंदी और सिंदूर को कूड़ेदान में बिल्कुल भी नहीं फेंके।
- करवा चौथ के दिन सिलाई-कढ़ाई या फिर कटाई बिल्कुल ना करें।
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