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सेक्स एक ऐसा विषय है, जिसको लेकर भारत में आज भी बात करने से हर कोई हिचकिचाता है। इतना ही नहीं कपल्स के लिए सेक्स करना काफी आश्चार्यजनक होता है। भले ही कपल्स को सेक्स के दौरान सुखद और आनंद प्राप्त होता हो, लेकिन लोग आज भी सेक्स के फोबिया और उसके डर से पीड़ित हैं। अक्सर इस डर को लोग नजरअंदाज करते हैं और इसका सीधा असर उनकी सेक्शुअल लाइफ पर पड़ता है।
सेक्स को लेकर डरने वाले कपल्स की लाइफ में किस तरह से इसका असर पड़ता है, यहां कुछ पॉइंट्स के जरिए आपको बताते हैं।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसिस
इसमें कपल्स को सेक्स के दौरान किसी बीमारी के दूसरे को होने का डर सताता है, जैसे कि हर्पीज़ और क्लैमाइडिया। इसमें लोग किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से बचते हैं जिसे वे बहुत कम जानते हैं या बिल्कुल भी नहीं जानते हैं।
अनचाही प्रेग्नेंसी
सेक्स के दौरान डर की सबसे बड़ी वजह अनचाही प्रेग्नेंसी होती है। भले ही इस डर के लिए कंडोम सबसे सेफ किट है, लेकिन कंडोम हमेशा 100% प्रभावी नहीं होते हैं। कभी-कभी कंडोम के फटने के भी चांस रहते हैं। नतीजा अनचाही प्रेग्नेंसी हो जाती है। इसलिए कंडोम का सही इस्तेमाल ही अनचाही प्रेग्नेंसी से बचा सकता है।
अपरिपक्व पार्टनर की पहचान है ये हरकत
सेक्स के कुछ ऐसे भी उदाहरण सामने आते हैं, जिसमें पार्टनर को दूसरे पार्टनर की कुछ गतिविधियां पसंद नहीं आती। जैसे कि सेक्स के दौरान जोर-जोर से चीखना, अचानक से तरल पदार्थ आना और आपके पार्टनर को उससे नफरत होना। अगर आपका पार्टनर भी इसी तरह की दिक्कतों से ग्रस्त है तो समझ जाइए कि अपरिपक्व है।
सेक्स से पहले लो कॉन्फिडेंस की पहचान
बहुत से लोग सेक्स से बचते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका पार्टनर उनके नग्न शरीर का मजाक उड़ा सकता है। इस तरह की सोच इंसान को लो कॉन्फिडेंस को दर्शाती है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि अक्सर सेक्स से पहले आपका पार्टनर अगर लाइट बंद करने को कहे या फिर कमरे में आ रही रोशनी को दूर करने के लिए कहे तो समझ जाइए सेक्स को लेकर उसका कॉन्फिडेंस लो है।
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