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ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है. ईद को ईद-उल-फितर के रूप में भी जाना जाता है. ईद का त्योहार रमजान के महीने में (29 या 30) रोजे रखने के बाद मनाया जाता है. मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे 3 दिनों तक ईद का त्योहार मनाते हैं. ईद पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं. वही ईद के दिन की शुरुआत ईद की नमाज से होती है. इसके बाद, सभी एक-दूसरे को गले लगाते हैं और ईद की बधाई देते हैं.
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हालांकि, पिछले साल की तरह इस बार भी ईद का त्योहार कोरोनोवायरस महामारी के बीच में पड़ रहा है. ऐसे में लोगों को ईदगाह या मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं होगी. शाही इमामों ने भी इस बार लोगों से अपने घरों में ईद की नमाज़ अदा करने की अपील की है. साथ ही, लॉकडाउन के कारण लोग एक-दूसरे के घर नहीं जा पाएंगे, यानी इस साल भी लोगों को घर में रहना होगा और परिवार के साथ सादगी के साथ ईद का त्योहार मनाना होगा.
जानिए कब मनाया जाएगा ईद का त्योहार?
रमजान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है. हालांकि, ईद 29 या 30 रोजे रखने के बाद मनाई जाएगी, ये पूरी तरह से चांद पर निर्भर होता हैं वही अगर 12 मई को 29वें रोज़े के दिन को चांद दिखाई देता है, तो 13 मई 2021 को ईद का त्योहार मनाया जाएगा. वहीं, अगर 13 मई को चांद दिखाई देता है, तो 14 मई 2021 को ईद का त्योहार मनाया जाएगा.
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जमात इस्लामी हिंद के मौलाना ने दिए निर्देश
शरीअत में गले लगाना या हाथ मिलाना जरूरी नहीं है, बल्कि एक पसंदीदा अमल है. जमात इस्लामी हिंद बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने लोगों से अपील की कि वे कोरोना से बचने और दूसरों को बचाने के लिए लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करें. अपने घर में ही ईद की नमाज पढ़ें. यदि आपके घर में चार या अधिक सदस्य हैं तो सभी एकत्र होकर जमात कर लें. अल्लाह का शुक्रिया अदा करने के लिए दो रिकअत नमाज़ अदा करें. कोरोनावायरस से निजात पाने और परेशानियों के साथ जीवन बसर कर रहे लोगों की मदद के लिए अल्लाह से खूब दुआ मांगें.
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