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13 अप्रैल 2023 का दिन वैशाख की कालाष्टमी का है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर काल भैरव की पूजा की जाती है। ऐसा करने से शनि और राहु के अशुभ प्रभाव अपनी जिंदगी में नहीं पड़ते हैं। अनिष्ट करने वालों को काल भैरव का प्रकोप झेलना पड़ता लेकिन जिस पर वह प्रसन्न हो जाए उसके कभी नकारात्मक शक्तियों, ऊपरी बाधा और भूत-प्रेत जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती।
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि शुरू - 13 अप्रैल 2023, सुबह 03.44
वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि समाप्त - 14 अप्रैल 2023, प्रात: 01.34
वैशाख कालाष्टमी 2023 शुभ योग
- शिव योग - 12 अप्रैल 2023, दोपहर 03:20 - 13 अप्रैल 2023, दोपहर 12.34।
- सिद्ध योग - 13 अप्रैल 2023, दोपहर 12.34 - 14 अप्रैल 2023, सुबह 09.37।
इस दिन क्या चीजें बिल्कुल भी न करें।
- इस खास दिन गलती से भी घमंड न करें, बुजुर्गों का अपमान भूल भी न करें, महिलाओं के लिए बिल्कुल भी गलत इस्तेमाल न करें। गलत काम करने वालों को काल भैरव की नाराजगी झेलनी पड़ती है।
- पूजा का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचने का नहीं होना चाहिए। इससे आपको ही आगे नुकसान हो सकता है।
- कालाष्टमी के दिन शराब को बिल्कुल भी न छूए। साथ ही मांसाहार भोजन का सेवन भी न करें।
- गृहस्थ लोगों को बाबा भैरव की सात्विक पूजा करनी चाहिए।
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