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हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले सभी देवी-देवताओं में श्री हनुमान जी की पूजा बहुत ही सरल, सहज और शीघ्र फल देने वाली मानी गई है. पुराणों में हनुमान जी को शंभू, रुद्राक्ष महादेवात्माज, रुद्रावतार, कपीश्वर आदि नामों से संबोधित किया गया है, लेकिन उनकी श्रद्धा और मान्यता के अनुसार उनके भक्त उन्हें संकटमोचक, बजरंगबली, पवनपुत्र, रामदूत आदि नाम से पुकारते हैं. भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं, सच्चे मन से उनकी पूजा करते ही उनकी कृपा बरसने लगती है.
हनुमान जी की स्तुति कैसे करें
हनुमान जी की स्तुति करने के लिए सभी प्रकार के मंत्र और स्तोत्र आदि हैं, लेकिन लोग भक्त शिरोमणि श्री गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा लिखित श्री हनुमान चालीसा का सबसे अधिक और श्रद्धा के साथ पाठ करते हैं. ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का सात बार या 101 बार पाठ करने से कोई भी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है. इसी तरह पीपल या शमी के पेड़ के नीचे श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा की वर्षा होती है और शनि संबंधी समस्याएं दूर होती हैं.
अपनी इच्छा के अनुसार पढ़ें
इसी तरह तुलसीदास जी द्वारा श्री रामचरित मानस का सुंदरकांड पाठ भी हनुमंत की कृपा लाने वाला है. वैसे आप श्री हनुमान जी की पूजा के लिए बजरंग बाण, हनुमान सातिका, एकमुखी हनुमंतकवचम, पंचमुखी हनुमंतकवचम, सप्तमुखी हनुमंतकवचम, एकादशमुखी हनुमंतकवचम आदि का पाठ भी अपनी श्रद्धा या इच्छा के अनुसार कर सकते हैं.
हनुमान जी के किस रूप का ध्यान करना चाहिए?
हनुमान जी की पूजा में उनके विभिन्न रूपों का अपना-अपना महत्व है. उदाहरण के लिए, यदि आप आध्यात्मिक और मानसिक शांति चाहते हैं, तो आप उनकी ध्यान मुद्रा के चित्र की पूजा करें. इसी प्रकार सभी कष्टों को दूर करने वाले पंचमुखी हनुमान जी की पूजा और रामदरबार में बैठे हनुमान जी की पूजा से परिवार में एकता और सद्भाव लाने का आशीर्वाद मिलता है. वहीं दूसरी ओर हनुमान जी के पर्वत को उठाकर उनके चित्र की पूजा करने से बजरंगबली से आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है. आशीर्वाद मुद्रा के चित्र की पूजा करने से हनुमंत आपके विशेष कार्य में शीघ्र ही सफलता प्रदान करते हैं.
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