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चक्रवाती तूफान यास पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में रिकॉर्ड बारिश हुई. बारिश का कहर इतना तेज था कि झारखंड की राजधानी रांची में नया विधानसभा भी क्षतिग्रस्त हो गया. जानकारी के अनुसार पहली मंजिल की छत गिर गई. सूत्रों का कहना है कि राज्य के मंत्री और अधिकारी बहुत अधिक कमीशनिंग करते हैं, इसलिए बड़ी कंपनियां यहां अच्छी गुणवत्ता का काम नहीं करती हैं. वहीं दो दिनों की भारी बारिश के बाद जो हुआ उससे विधानसभा ही मुश्किल में पड़ गई. इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि कोरोना से मरने वाले किसी को भी कफन खरीदने की जरूरत नहीं है.
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कई जगहों पर भारी बारिश होने की है संभावना
सरकार सबके लिए कफन का इंतजाम करेगी. आपको बता दें कि चक्रवात हां ने दक्षिण झारखंड पर जबरदस्त दबाव बनाया तो करीब छह घंटे में हवाएं करीब 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं. दो दिन पहले 27 मई को यह झारखंड में भारतीय समयानुसार सुबह 11.30 बजे 23.2° उत्तर और देशांतर 85.5° पूर्व और रांची से 20 किमी पूर्व और जमशेदपुर से 95 किमी दक्षिण-पश्चिम में केंद्रीय हो गया. मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि इस आपदा से कई राज्यों को नुकसान हो सकता है. विभाग के मुताबिक झारखंड में 27 से 28 मई के बीच ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है.
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मौसम विभाग ने भी दी थी चेतावनी
इसके अलावा 27 और 28 मई को बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर सामान्य बारिश और कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई थी. मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी थी कि इस दौरान झारखंड और उससे सटे ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में हवा की गति 45-55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी और इसकी गति बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे हो सकती है. साथ ही, यह अपेक्षा की गई थी कि कई उबड़-खाबड़ घरों में बड़ी फूस की जमीन हो सकती है और बिजली और संचार लाइनों को भारी नुकसान हो सकता है. लेकिन इस बात की कोई संभावना नहीं थी कि प्रांत की विधानसभा गिर जाएगी.
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